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‘पहले पति फिर अपने बेटे को खा गई….’, अंडर -19 टी 20 विश्व कप जिताने वाली अर्चना देवी की मां सावित्री की झकझोर देने वाली कहानी

ICC महिला अंडर-19 टी 20 विश्व कप में भारतीय टीम को चैंपियन बनाने में अहम भूमिका निभाने वाली आलराउंडर अर्चना देवी के टीम इंडिया तक का सफर तय करने के पीछे की कहानी बेहद संघर्षपूर्ण रही है। अर्चना देवी ने पोचेफस्ट्रूम में इंग्लैंड के खिलाफ खेले गए फाइनल मुकाबले में अहम भूमिका निभाते हुए स्‍क्रीवंस और नियाम हौलेंड के महत्‍वपूर्ण विकेट चटकाए।इसका अलावा मैक्‍डोनाल्‍ड गे का शॉर्ट कवर्स में एक दर्शनीय कैच भी लपका। जिसके बदौलत भारतीय टीम ने खिताबी मुकाबले को 7 विकेट से जीता। अर्चना देवी को एक क्रिकेटर बनाने के पीछे उनकी मां की कड़ी तपस्या और त्याग छिपा है। जिसे नकारा नहीं जा सकता।

अर्चना की मां को डायन बोलते थे लोग

अर्चना के पिता शिवराम कि साल 2008 में कैंसर के कारण मृत्यु हो गई थी। उस वक्त उनके परिवार पर ढेर सारा कर्ज भी था। अर्चना की मां सावित्री किसी तरीके से अपने बच्चों का लालन-पालन कर रही थी। तभी साल 2017 में एक और दुखद घटना घटी जिसमें उन्होंने अपने छोटे बेटे बुद्धिमान सिंह को खो दिया। अर्चना अपने भाई बुद्धिमान के साथ क्रिकेट खेल रही थी उसी वक्त अर्चना ने एक शाट मारा और गेंद निर्माणाधीन कमरे में चली गई। इस गेंद को लेने के बुद्धिमान वहां गया और उसे कोबरा ने डस लिया। जिसके बाद अस्पताल ले जाते वक्त बुद्धिमान की मृत्यु हो गई। बुद्धिमान का आखिरी शब्द यही था कि “अर्चना को क्रिकेट खिलाओ”। परिवार में दो अकाल मृत्यु होने के कारण लोग बोलते थे कि, अर्चना की मां सावित्री डायन है। “पहले पति फिर अपने बेटे को खा गई”इतना ही नहीं सावित्री को देखकर गांव के लोग अपना रास्ता तक बदल लिया करते थे।

दलाल के हाथों बेटी को बेचने का आरोप

दी इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में सावित्री ने कहा कि, “जब हमने अपनी बेटी का दाखिला कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में कराया तो पड़ोसियों में कहा कि, हमने अर्चना को किसी दलाल के पास बेंच दिया है। इतना ही नहीं लोग यह भी कानाफूसी कर रहे थे कि सावित्री ने अर्चना को गलत धंधे में डाल दिया।”अर्चना की मां चुपचाप यह सब सहन करती रही और उन्होंने अपनी बेटी को इस मुकाम तक पहुंचने में मदद की। मैच के दिन अर्चना का घर मेहमानों से भरा रहा। सावित्री ने बताया कि आज हमारे घर इतने मेहमान हैं कि हमारे पास उन्हें देने के लिए कम्बल तक नहीं है। अब ऐसे लोग भी हमारी मदद के लिए आ रहे हैं जो हमारे घर कभी पानी भी नहीं पिया करते थे। यह सब अर्चना के कारण संभव हुआ है।

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