भारतीय टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर अपने बेबाक अंदाज के लिए जाने जाते हैं। वह आए दिन अपने बयानों की वजह से सुर्खियों में रहते हैं। आमूमन देखा गया है कि, गौतम गंभीर साल 2011 में खेले गए वनडे वर्ल्ड कप में टीम इंडिया को मिली जीत का पूरा श्रेय एम एस धोनी और उनकी कप्तानी को दिए जाने को लेकर क्रिकेट पंडितों पर हमलावर रहते हैं। गौतम गंभीर का मानना है, एमएस धोनी के विश्वविजयी छक्के के पीछे सचिन तेंदुलकर,युवराज सिंह और जहीर खान का योगदान छिप जाता है,और मीडिया केवल एमएस धोनी की प्रशंसा में लगा रहता है। गौतम गंभीर के इस बयान के मद्देनजर कई लोग ऐसा मानते हैं कि,एमएस धोनी और गौतम गंभीर में 36 का आकड़ा है।
लोगों की इस बात को गौतम गंभीर ने अपने एक बयान से एक सिरे से खारिज कर दिया है। गौतम गंभीर ने अपने एक बयान में पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को अपना बेस्ट क्रिकेट पार्टनर बताया है। उनका यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल है।
हाल ही में स्पोर्ट् कीड़ा से बातचीत में गौतम गंभीर ने कहा कि, “मेरे पसंदीदा क्रिकेट पार्टनर एमएस धोनी थे। लोग सोचते हैं कि, मेरे पसंदीदा पार्टनर वीरेंद्र सहवाग थे, लेकिन मुझे वास्तव में धोनी के साथ खेलना ज्यादा पसंद था, खासकर सफेद गेंद वाले क्रिकेट में।”
गौतम गंभीर को अधिकतर समय एमएस धोनी के फैंस ट्रोल करते रहें हैं। परन्तु उनका यह बयान उन फैंस के ह्रदय परिवर्तन का कारण बन सकता है। गौतम गंभीर ने कुछ दिन पहले एमएस धोनी को लेकर एक और बयान दिया था। जिसके चलते उन्होंने खूब सुर्खियां बटोरी थी। उस बयान में गौतम गंभीर ने एमएस धोनी के द्वारा उनके बैंटिग पोजीशन को लेकर किए गए त्याग को बताया था।
गौतम गंभीर ने स्टार स्पोर्ट् से बातचीत में कहा था कि, “धोनी अगर नंबर 3 पर बैटिंग करते तो मुझे भरोसा है कि वह कई वनडे रिकॉर्ड तोड़ सकते थे। लोग एक कप्तान के रूप में धोनी की उपलब्धियों के बारे में बात करते हैं, जो सही है। लेकिन मुझे लगता है कि कप्तानी के कारण उन्होंने अपने अंदर के बैट्समैन का त्याग कर दिया। वह अपने बल्ले से और भी बहुत कुछ हासिल कर सकते थे, जो उन्होंने नहीं किया। ऐसा तब होता है जब आप कप्तान होते हैं क्योंकि तब आप टीम को आगे रखते हैं और अपने बारे में भूल जाते हैं। उन्होंने नंबर 6 या 7 पर बल्लेबाजी की। धोनी कप्तान नहीं होते, तो वह नंबर 3 के बल्लेबाज होते,और मुझे लगता है कि उन्होंने जितने रन बनाए उससे अधिक रन बना सकते थे और अधिक शतक भी बना सकते थे।”