क्रिकेट के महाकुंभ का शुभारंभ होने में अब करीब डेढ़ महीने का वक्त बचा है। इस टूर्नामेंट का पहला मुकाबला इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच 5 अक्टूबर को अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेला जाएगा। इस मेगा इवेंट को लेकर सभी टीमें अपनी-अपनी तैयारी में जुटी है। बतौर मेजबान भारत भी आगामी एशिया कप और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सितंबर में होने वाले द्विपक्षीय सीरीज के माध्यम से अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देने वाला है। भारत इस बड़े टूर्नामेंट में अपने सफ़र की शुरुआत 8 अक्टूबर से ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चेन्नई में पहला मैच खेलकर करेगा। इसके अलावा चिर प्रतिद्वंदी पाकिस्तान से वह 14 अक्टूबर को अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में भिड़ने वाला है।
वर्ल्ड कप को लेकर ढेर सारे पूर्व क्रिकेटर भविष्यवाणियां कर रहे हैं। वीरेंद्र सहवाग, आकाश चोपड़ा, एबी डी विलियर्स, मोर्गन समेत कई दिग्गज खिलाड़ियों ने वर्ल्ड कप 2023 के प्रबल दावेदारों के नाम बताए हैं। इसी कड़ी में भारत के पूर्व दिग्गज कप्तान सौरव गांगुली ने वर्ल्ड कप 2023 के प्रबल दावेदारों को लेकर अपनी राय रखी है। उन्होंने यह बताया है कि इस मेगा इवेंट में 4 सबसे मजबूत टीमें कौन सी है? जो विश्व कप जीत सकती हैं।
दादा की नजर में 5 सबसे मजबूत टीमें
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली का मानना है कि भारत हमेशा से वर्ल्ड कप का प्रबल दावेदार रहा है। शुक्रवार को कोलकाता में आयोजित एक कार्यक्रम में पत्रकारों से बातचीत के दौरान सौरव गांगुली ने कहा कि,”भारतीय टीम हमेशा ही विश्व कप के दावेदारों में शामिल रहती है। इसके अलावा अन्य टीमों की बात करें तो ऑस्ट्रेलिया,इंग्लैंड,न्यूजीलैंड और पाकिस्तान इस बार के प्रबल दावेदार हैं।”दादा का मानना है कि, अन्य लोग भले ही न्यूजीलैंड को इस रेस में शामिल न कर रहे हो। परन्तु न्यूजीलैंड बड़े टूर्नामेंट में हमेशा अच्छा क्रिकेट खेलता है।
इसके अलावा सौरव गांगुली ने टीम इंडिया के नंबर चार की गुत्थी भी सुलझाने की कोशिश की है।सौरव गांगुली ने कहा कि, “किसने कहा कि हमारे पास चौथे नंबर के लिए विकल्प नहीं है, हमारे पास अनेक बल्लेबाज है, जो इस क्रम पर बल्लेबाजी कर सकते हैं। मेरी सोच थोड़ी अलग है मैं अलग ढंग से देखता हूं। यह बेहतरीन टीम है तिलक वर्मा भी एक विकल्प है क्योंकि वह बाएं हाथ के बल्लेबाज हैं। तिलक बर्मा बेहतरीन युवा क्रिकेटर हैं उनके पास ज्यादा अनुभव नहीं है, लेकिन वह मायने नहीं रखता।”