रविवार शाम गत चैंपियन गुजरात टाइटंस और कोलकाता नाइट राइडर्स के बीच अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेले गए IPL 2023 के 13वें मुकाबले में आतिशी पारी खेलकर सुर्खियों में आए रिंकू सिंह का प्रारंभिक जीवन काफी संघर्षों में बीता है। उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में जन्मे 25 वर्षीय क्रिकेटर रिंकू सिंह का करियर काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा है। उन्होंने एक क्रिकेटर बनने के लिए काफी संघर्ष किया है।रिंकू सिंह के पिता अपने परिवार के पालन पोषण के लिए सीलेंडर बांटने का काम किया करते थे। यहां तक कि रिंकू सिंह ने खुद दूसरों के यहां झाड़ू-पोछा लगाने का कार्य किया है।
आर्थिक तंगी में बीता बचपन
रिंकू सिंह ने अपना बचपन दो कमरे के घर में गुजारा है।उस दौरान आर्थिक तंगी इस कदर थी कि उन्होंने साफ-सफाई का काम करने का मन बना लिया था। कुछ समय तक उन्होंने झाड़ू पोछा लगाने का कार्य भी किया। जिसके बाद उन्होंने सब कुछ छोड़कर अपने क्रिकेट पर फोकस किया। रिंकू सिंह ने एक इंटरव्यू में खुलासा किया है कि साल 2012 में क्रिकेट खेलने के कारण उन्हें अपने पिता की मार भी झेलनी पड़ी थी। लेकिन उसी दौरान उन्होंने क्रिकेट खेलते हुए इनाम में एक मोटरसाइकिल जीती। जिसके बाद पिता उनके सपोर्ट में आ गए और उन्होंने इस मुकाम तक पहुंचाने में अपना अमूल्य योगदान दिया।
रिंकू सिंह का क्रिकेट करियर
क्रिकेट खेलने के प्रति अपने जुनून के कारण विपरीत परिस्थितियों में भी रिंकू सिंह ने पहले उत्तर प्रदेश की अंडर 16, अंडर-19 और अंडर-23 सेंट्रल जोन के लिए खेलते हुए रणजी ट्रॉफी तक का सफर तय किया। उसके बाद साल 2017 में उन्हें IPL में एंट्री मिली। हालांकि उन्हें साल 2018 में कोलकाता नाइट राइडर्स की तरफ से अपना पहला मैच खेलने का मौका मिला। जिसके बाद 2019 में उनके लिए एक नई मुसीबत आ गई। जब BCCI ने रिंकू सिंह पर तीन महीने का बैन लगाया। BCCI द्वारा उनके ऊपर यह बैन इसलिए लगाया गया था। क्योंकि वह बिना परमिशन लिए आबू धाबी T20 टूर्नामेंट में खेलने चले गए थे।
बाएं हाथ के बल्लेबाज रिंकू सिंह ने 20, IPL मैचों के 18 इनिंग्स में 24.93 की औसत के साथ 349 रन बनाए हैं। इसमें उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 48 रनों का रहा है।