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IND vs ENG: भारतीय टीम के चौकड़ी स्पिनरों पर भारी पड़ रहे हैं इंग्लैंड के नौसिखिया स्पिनर्स

अभी हालिया समय में इंग्लैंड से हुए पहले दो मुकाबलो में पांच मैचों की टेस्ट श्रृंखला इस समय 1-1 की बराबरी पर है, पहला मुकाबला 28 रनों से जीतने के बाद इंग्लैंड को दूसरे में 106 रनों से शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा। दूसरे मुकाबले की हार के बाद अंग्रेजी गेंदबाज रेहान अहमद ने अपनी टीम की खूबियों को बीबीसी पर बयां किया, जिसमें रेहान ने बेन स्टोक्स के नेतृत्व वाली टीम में युवा स्पिनरो को मिलने वाले अच्छे माहौल पर प्रकाश डाला। वहीं हमने भी अपने भारत के कुछ अनुभवी स्पिनर को भी दूसरे पलड़े पर रखकर देखा तो पाया कि इंग्लैंड के युवा स्पिनर के सामने ये तजुर्बेकार स्पिनर जूझते हुए नजर आए।

दरअसल, दोनों मुकाबलों में अंग्रेजी स्पिनर (रेहान, टॉम हार्टले, जैक लीच व शोएब बशीर) ने 33.9 के औसत से 33 विकेट झटके, अर्थात कुल मिलाकर एक स्पिनर 33.9 रन देकर एक भारतीय विकेट लेने में कामयाब रहा। इनमें शोएब बसीर और टॉम हार्टले ने इसी श्रृंखला में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया और वहीँ रेहान अहमद की ये दूसरी टेस्ट श्रृंखला थी। अगर इनके शुरूआती प्रदर्शन को एक मजबूत टीम के दृष्टिकोण से देखा जाए तो काफी बेहतर है और वहीं हमने अपनी भारतीय टीम के स्पिनर (अश्विन, जडेजा, अक्षर व कुलदीप) का प्रदर्शन देखा तो पाय कि 38.39 के औसत से ये 23 विकेट लेने में कामयाब रहे, अर्थात इन्होंने एक विकेट लेने के लिए अंग्रेजी स्पिनर के मुकाबले 4-5 रन ज्यादा खर्च किये।

रेहान ने बीबीसी पर गिनाई अपने स्पिनरों की खूबियां

दूसरे मुकाबले के बाद रेहान अहमद ने बीबीसी से बातचीत के दौरान अपनी टीम के स्पिनरों द्वारा 33 विकेट लिए जाने पर टीम की खूबियों पर प्रकाश डाला और कहा, ‘‘इससे पता चलता है कि हमारी टीम का माहौल कितना बढ़िया है। आपने देखा होगा कि हार्टले और बशीर यहां आने के बाद दबाव में नहीं दिखे और इसका श्रेय टीम को जाता है। हमारी टीम में माहौल और नेतृत्व ऐसा है कि आप यह भूल जाते है कि आप किसके खिलाफ खेल रहे है। आपका ध्यान सिर्फ इस बात पर होता है कि आपको क्या करने की जरूरत है।’’

रेहान ने आगे कहा, ‘‘उन्हें (कप्तान स्टोक्स और मुख्य कोच ब्रेंडन मैकुलम) इसकी परवाह नहीं है कि चीजें कितनी बुरी हो सकती हैं। यह हमेशा इस बारे में होता है कि आप इससे क्या हासिल कर सकते है। अगर मैं चार खराब गेंद फेंकने के बाद विकेट चटकाने में सफल रहता हूं तो यह लगातार 16 अच्छी गेंदें फेंकने से बेहतर है।’

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