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‘मैंने नहीं भज्जी ने जिताया था मैच….’,धोनी को वर्ल्डकप 2011 जिताने का श्रेय देने वाले बयान पर गौतम गंभीर ने मारी कल्टी, फैंस ने किया ट्रोल

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज गौतम गंभीर को आपने कई बार यह कहते हुए सुना होगा कि, साल 2011 में खेले गए वनडे वर्ल्ड कप का पूरा श्रेय महेंद्र सिंह धोनी को दे दिया जाता है। जबकि प्लेयर ऑफ़ द टूर्नामेंट रहे युवराज सिंह समेत जहीर खान, सचिन तेंदुलकर और मुनाफ पटेल जैसे खिलाड़ियों के योगदान को नजर अंदाज कर दिया जाता है। गौतम गंभीर ने हाल ही में कहा था कि,“हमने 2011 विश्व कप के लिए युवराज को पर्याप्त श्रेय नहीं दिया। यहां तक कि जहीर खान, रैना और मुनाफ पटेल को भी। सचिन तेंदुलकर सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी थे, लेकिन क्या हम उसके बारे में बात करते हैं? मीडिया धोनी के छक्के के बारे में बात करता रहता है। आप व्यक्तियों के प्रति आसक्त हैं, टीम को भूल गए हैं।”

दिग्गज बल्लेबाज गौतम गंभीर अब अपने इस बयान से कल्टी मारते हुए नजर आ रहे हैं। प्रत्यक्ष तौर पर इस संदर्भ में बात न करते हुए उन्होंने एक दूसरा बयान दिया है। जिसमें उनके विचारों को लेकर विरोधाभास हो गया है।

दरअसल शनिवार को भारत और पाकिस्तान के बीच खेले जाने वाले महा मुकाबले के दौरान गौतम गंभीर कमेंट्री कर रहे थे। इस दौरान उनके साथी कमेंटेटर मोहम्मद कैफ, गौतम गंभीर से भारत और पाकिस्तान के बीच साल 2010 में खेले गए एशिया कप के एक मुकाबले का जिक्र करते हैं। जिसमें गौतम गंभीर ने 83 रनों की पारी खेलते हुए भारत को जीत दिलाई थी।उस मुकाबले में गौतम गंभीर पाकिस्तानी खिलाड़ियों के साथ उलझते हुए भी नजर आए थे। जिसको लेकर बातचीत करते हुए मोहम्मद कैफ कहते हैं कि, “और इसमें गौतम गंभीर मैन ऑफ द मैच थे, मतलब कुछ कहासुनी हो भी गई तब भी मैच पर इसका असर नहीं पड़ने दिया। इंपैक्ट तपकर निकले और टीम को जिताया”

तभी कमेंट्री को आगे बढ़ते हुए गौतम गंभीर कहते हैं कि, “एक्चुअली जिताया हमने नहीं था हरभजन सिंह ने जिताया था। मेरे और महेंद्र सिंह धोनी के बीच अच्छी साझेदारी हुई थी। परंतु मेरा मानना यह है कि जो आखिरी रन बनाता है वही जिताता है।”

गौतम गंभीर के इन दोनों वक्तव्य का विश्लेषण करें तो उनके भीतर भारी अंतर्विरोध नजर आता है। दरअसल वर्ल्ड कप 2011 के फाइनल मुकाबले में कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने 91 रनों की शानदार पारी खेलते हुए नुवान कुलशेखरा की आखिरी गेंद पर विश्व विजयी छक्का लगाया था। जिसकी आजतक चर्चा होती है। और आने वाले दिनों में भी होती रहेगी। परंतु पर्दे के पीछे का सच यह भी है कि उस मैच में गौतम गंभीर ने 97 रनों की पारी खेलते हुए टीम इंडिया की जीत की नींव रखी थी। परंतु विजयी रन बनाने के चलते मैन ऑफ द मैच का खिताब और पूरा आकर्षण महेंद्र सिंह धोनी को मिला था।जिसका मलाल गौतम गंभीर के ढेर सारे बयानों में झलकता है।जिसके चलते सोशल मीडिया पर आज वह ट्रोल हो रहे हैं।

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