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आकाश चोपड़ा को दिखी यशस्वी जयसवाल के बैटिंग की खामियां, ‘बोले-इसे दूर करो वरना..’

भारत और वेस्टइंडीज के बीच क्वींस पार्क ओवल में दूसरा टेस्ट मैच खेला जा रहा है। जिसमें भारतीय टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए पहले दिन के खेल की समाप्ति तक 4 विकेट के नुकसान पर 288 रन बना लिए हैं। डोमेनिका में खेले गए पहले टेस्ट मैच की तरह इस मुकाबले में भी भारतीय ओपनिंग जोड़ी अपने पुराने लय में नजर आई। कप्तान रोहित शर्मा और युवा सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल ने शानदार अर्धशतक लगाते हुए पहले विकेट के लिए 139 रनों की साझेदारी की। पहले मुकाबले में लाजवाब बैटिंग का उदाहरण पेश करते हुए यशस्वी जयसवाल ने 171 रन जड़े थे। परंतु दूसरे मुकाबले में वह 74 गेदों का सामना करते हुए 57 रन बनाकर पवेलियन लौट गए।

यशस्वी जयसवाल लगातार अच्छी बल्लेबाजी कर रहे हैं जिसके चलते ढेर सारे क्रिकेटर उनकी जमकर तारीफ कर रहे हैं। इन सबके बीच भारतीय टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज आकाश चोपड़ा ने यशस्वी जायसवाल की कुछ कमियों को पकड़ा है। आकाश चोपड़ा का मानना है कि यशस्वी यदि अपनी इन कमियों को दूर करने में सफल होते हैं तो वह और बेहतर बल्लेबाज बन जाएंगे।

इन कमियों को दूर करें यशस्वी

पहले दिन के खेल की समाप्ति के बाद आकाश चोपड़ा ने अपने आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर बातचीत में कहा कि, दोनों सलामी बल्लेबाजों ने अर्धशतक लगाए, चाहे वह यशस्वी जायसवाल रहे हो या फिर रोहित शर्मा। पिछले मुकाबले में इन दोनों ने 200 रनों से अधिक की साझेदारी की थी और अब की बार 100 रनों से अधिक की साझेदारी की। यशस्वी जायसवाल अच्छी बल्लेबाजी कर रहे हैं। अच्छा शॉट खेल रहे हैं। वह एक अद्भुत खिलाड़ी हैं। हालांकि एक चीज जो देखने में आ रही है कि वह दूर जाने वाली गेंदो से थोड़ा परेशान हो रहे हैं। वे गेंदें उन्हें और अधिक फेंकी जाएंगी, उन्हें इसके लिए थोड़ी तैयारी करने की जरूरत है। मुझे पूरा यकीन है कि वह ऐसा करने में कामयाब होंगे।

आकाश चोपड़ा ने आगे कहा कि, गेंद को छोड़ने या खुद का बचाव करने के लिए उनके भीतर जो जुनून विकसित हुआ है। वह यहां भी देखने को मेला है। इस मुकाबले में वह थोड़ा अधिक आक्रामक नजर आए।वह निर्डर होकर बल्लेबाजी कर रहे थे, छोटी गेंदों पर छक्के लगा रहे थे। उनके पास इतना अतिरिक्त समय कैसे होता है। इसे एक कहानी के जरिए समझा जा सकता है। जिस प्रकार से किसी यात्री को स्टेशन से रिसीव करने जाते वक्त आप ट्रेन आने से पहले पहुंचते हैं, उसी प्रकार गेंद आने से पहले अपनी स्थिति आपको बनानी पड़ती है।

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