क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर आमूमन बयानबाजी और विवादों से काफी दूर रहना पसंद करते हैं। परंतु रविवार को विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल मुकाबले में भारतीय टीम को आस्ट्रेलिया के हाथों मिली 209 रनों की शर्मनाक हार के बाद वह भी अपने आप को नहीं रोक सके। सचिन तेंदुलकर ने चारों खाने चित कर देने वाले इस हार को लेकर न सिर्फ निराशा व्यक्त की है बल्कि उन्होंने भारतीय टीम मैनेजमेंट पर कई सवाल खड़े किए हैं। जबकि इस पूरे टूर्नामेंट में बेहतरीन प्रदर्शन करने के बाद ऑस्ट्रेलिया को मिली खिताबी जीत पर बधाई दी है।
WTC के फाइनल मुकाबले में भारतीय टीम ने कंगारुओं के सामने पूरी तरीके से अपने घुटने टेक दिए हैं। इस मुकाबले के चारों पारियों में आस्ट्रेलिया का पलड़ा भारी रहा। जहां इस मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए ऑस्ट्रेलिया ने अपनी पहली पारी में 469 रन बनाए, वहीं दूसरी पारी में 270 रन बनाकर पारी घोषित कर दी। जबकि दूसरी तरफ भारतीय टीम अपनी पहली पारी में महज 295 और दूसरी पारी में 234 रन ही बना सकी।
ऑस्ट्रेलिया को सराहा
क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर ने भारतीय टीम मैनेजमेंट द्वारा फाइनल मुकाबले में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ टेस्ट गेंदबाज आर अश्विन को नहीं खिलाए जाने के फैसले को गलत बताया है। साथ ही उन्होंने भारतीय टीम मैनेजमेंट पर सवाल खड़ा किया है।इसके अलावा तेंदुलकर ने एक ट्वीट कर ऑस्ट्रेलिया को जीत की बधाई दी। साथ ही उन्होंने स्टीव स्मिथ और ट्रेविस हेड की उनके शानदार प्रदर्शन के लिए सराहना की।
सचिन तेंदुलकर ने अपने आधिकारिक टि्वटर हैंडल पर लिखा कि, WTC का फाइनल जीतने पर टीम ऑस्ट्रेलिया को बधाई। स्टीव स्मिथ और ट्रेविस हेड ने खेल को अपने पक्ष में करने के लिए पहले दिन ही एक ठोस नींव रख दी। भारत को खेल में बने रहने के लिए पहली पारी में बड़ा रन करना था, लेकिन वे ऐसा नहीं कर सके। टीम इंडिया के लिए कुछ अच्छे पल थे, लेकिन मैं अश्विन को बाहर किए जाने के फैसले को नहीं समझ पा रहा हूं। कि आखिर क्यों दुनिया के सबसे बड़े टेस्ट गेंदबाज को फाइनल मुकाबले से बाहर रखा गया।
तेंदुलकर ने आगे लिखा कि,जैसा कि मैंने मैच से पहले उल्लेख किया था कि, कुशल स्पिनर हमेशा टर्निंग ट्रैक पर भरोसा नहीं करते हैं, वे अपनी विविधताओं के साथ हवा के बहाव का उपयोग करते हैं और सतह से उछाल प्राप्त करते हैं। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि ऑस्ट्रेलिया के शीर्ष 8 बल्लेबाजों में से 5 बाएं हाथ के बल्लेबाज थे।