भारत की मेजबानी में खेले जा रहे वनडे वर्ल्ड 2023 में कमाल का प्रदर्शन करते हुए सुखद याद लेकर लौटे अफगानिस्तान क्रिकेट टीम के लिए एक बुरी खबर सामने आई है। अफगानिस्तान क्रिकेट टीम को आने वाले समय में बैन का सामना करना पड़ सकता है। अफगानिस्तान क्रिकेट टीम पर यह बैन अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) के द्वारा नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक परिषद (IOC) द्वारा लगाया जा सकता है। दरअसल पिछले दिनों क्रिकेट को लॉस एंजिल्स 2028 ओलंपिक का हिस्सा बनाया गया है। जिसका मतलब है कि, दुनिया भर की क्रिकेट टीमें साल 1900 के (128 वर्ष के) बाद एक बार भी से ओलम्पिक में क्रिकेट खेलती हुई नजर आएंगी।
परन्तु अफगानिस्तान में तालिबान सरकार होने के नाते अफगानिस्तान क्रिकेट को बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है। गौरतलब है कि,LA28 आयोजकों ने ओलंपिक में लैंगिक समानता पर जोर दिया है, जिसके परिणामस्वरूप व्यक्तिगत और टीम खेलों में महिला और पुरुष दोनों की भागीदारी देखी जाएगी।अफगानिस्तान में अगस्त 2021 में तालिबान का कब्जा होने के बाद अफगानिस्तान का महिला क्रिकेट संकट में आ गया। हालत यह है कि, इस समय अफगानिस्तान के पास कोई भी महिला क्रिकेट टीम नहीं है। जो उसकी भागीदारी को मुश्किल में डाल सकती है।
ICC के CEO का बयान
ICC के CEO ज्योफ एलार्डिस ने तालिबान के प्रभाव के कारण अफगानिस्तान के पास महिला क्रिकेट टीम न होने पर अपने विचार व्यक्त किए हैं। उन्होंने BBC के एक पॉडकास्ट में बताया कि, “ओलंपिक प्रतियोगिता में टीमों को उन देशों की राष्ट्रीय ओलंपिक समितियों द्वारा मैदान में उतारा जाता है। एक अंतरराष्ट्रीय खेल महासंघ के रूप में, हमने अपने खेल को शामिल करने के लिए LA28 आयोजकों के पास प्रस्ताव रखा,IOC और उन्होंने (LA28) क्रिकेट को शामिल किया है। अफगानिस्तान की राष्ट्रीय ओलंपिक समिति की स्थिति के संदर्भ में, मुझे पता है कि वे (IOC) वहां की प्रगति व विकास पर नजर रख रहे हैं। क्रिकेट पर हमारी स्थिति और एक सदस्य के रूप में अफगानिस्तान का समर्थन करना अन्य अंतरराष्ट्रीय खेल संगठनों से भिन्न नहीं है।”
बताते चलें कि, अफगानिस्तान की तालिबान सरकार के साथ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद अपने वार्तालाप में इस बात पर जोर दे रही है कि,अगर महिलाओं के लिए खेलों तक पहुंच प्रतिबंधित रहा तो उन्हें निलंबन झेलना पड़ सकता है। गौर करने वाली बात यह भी है कि,IOC ने 2024 पेरिस ओलंपिक के लिए अभी तक अफगानिस्तान की भागीदारी को मंजूरी नहीं दी है।