साल 2022 में ऑस्ट्रेलिया की मेजबानी में खेले गए टी-20 विश्व कप के सेमीफाइनल मुकाबले में भारतीय टीम को इंग्लैंड के हाथों मिली 10 विकेट की शर्मनाक हार के बाद से एक चीज सबसे अधिक चर्चा में है। कहा जा रहा है कि दुनिया भर के क्रिकेटर इंडियन प्रीमियर लीग में हिस्सा लेते हैं, परंतु भारतीय क्रिकेटर किसी भी विदेशी लीग में हिस्सा नहीं लेते। जिस कारण उन्हें ICC के इवेंट्स में नुकसान उठाना पड़ता है। इस बहस में कई दिग्गज क्रिकेटरों का मानना है कि भारतीय खिलाड़ियों को विदेशी लीग में खेलने का मौका दिया जाना चाहिए। वहीं ढेर सारे पूर्व खिलाड़ी इसके विपरीत राय रखते हैं। फिलहाल यह एक लंबे डिबेट का हिस्सा है। परंतु इस समय दक्षिण अफ्रीका के पूर्व कप्तान एबी डिविलियर्स ने इस प्रकरण पर अपनी राय रखी है।
एबी डिविलियर्स ने BCCI का किया समर्थन
दक्षिण अफ्रीका के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज एबी डिविलियर्स ने BCCI द्वारा भारतीय खिलाड़ियों को विदेशी लीग में खेलने के अनुमति न दिए जाने का समर्थन किया है उन्होंने कहा कि “आप भारतीय खिलाड़ियों को विदेशी लीगों में खेलते हुए नहीं देखते हैं जो सही भी है। BCCI की अपने खिलाड़ियों को लेकर एक स्पष्ट योजना है। वे विश्व कप जीतना चाहते हैं, वे यह तय करते हैं कि उनके खिलाड़ियों को एक्सपोजर मिले।IPL से बेहतर कोई लीग नही है।”
BCCI की शर्त
भारत के लिए क्रिकेट खेलने वाले सभी खिलाड़ियों को BCCI के साथ एक सेंट्रल कांट्रैक्ट बनाए रखना होता है। जिसमें BCCI द्वारा निर्धारित किया गया है कि केंद्रीय अनुबंध से जुड़ा कोई भी खिलाड़ी किसी भी विदेशी लीग में प्रतिभाग नहीं कर सकता। यदि किसी भी खिलाड़ी को विदेशी लीग में खेलना है तो उसे सेंट्रल कांट्रैक्ट तोड़ना होगा या फिर सन्यास की घोषणा करनी होगी। तभी वह IPL के अतिरिक्त दुनिया भर में होने वाले किसी भी लीग में हिस्सा ले पाएगा।