MS Dhoni के धमाके के साथ IPL 2023 ख़त्म हुआ। इसका मतलब है कि IPL का बुखार अब उतर चुका है। लेकिन क्रिकेट का खुमार अब चढ़ेगा। क्योंकी इंटरनेशनल मुकाबले अब शुरू होने वाले हैं। एक तरफ जहां टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 7 जून से वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल मुकाबला खेलेगी। वहीं इंग्लैंड की टीम को एशेज से पहले आयरलैंड का सामना करना है। इस दौरान इंग्लैंड के 2 बड़े खिलाड़ियों की फिटनेस पर अपडेट आया है। IPL के ये दोनों गद्दार लगभग पूरे सीजन बेंच पर बैठे रहे और IPL में लाचार ये दोनों खिलाड़ी, अब अचानक अपने देश के लिए खेलने के लिए पूरी तरह से ‘फिट’ और ‘तैयार’ हो गए।
यहाँ पर हम बात कर रहे हैं इंग्लैंड टेस्ट टीम के कप्तान बेन स्टोक्स और जोफ्रा आर्चर की। इंग्लैंड के बेन स्टोक्स IPL 2023 की चैंपियन टीम चेन्नई सुपर किंग्स का हिस्सा था। CSK ने उन्हें 16.25 करोड़ में खरीद कर IPL इतिहास का तीसरा सबसे महंगा खिलाड़ी बना दिया था। लेकिन सिर्फ दो मैच खेलने के बाद ही वो चोटिल हो गए। उसके बाद उनका पूरा सीजन बेंच पर ही कटा था। CSK के प्लेऑफ में पहुंचने के बाद वो अपने देश लौट गए थे। पर अब जो अपडेट आया है उसे जानकर CSK फैंस निश्चित ही गुस्से में आ सकते हैं। यानी IPL खत्म हुए अभी 3 दिन ही हुए हैं और ये खिलाड़ी अपनी टीम इंग्लैंड के लिए खेलने के लिए पूरी तरह फिट हो गए। इससे तो साफ ही लगता है कि फ्रेंचाइजी को सवा 16 करोड़ का बड़ा चूना भी लगा है।
इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स घुटने की चोट से उबर कर एशेज सीरीज में बतौर ऑलराउंडर खेलने के लिए तैयार हैं यानी वो गेंदबाजी करने के लिए भी फिट हैं। IPL में चेन्नई सुपरकिंग्स का ये खिलाड़ी चोट की वजह से सिर्फ दो मैच खेल सका था। इस दौरान उन्होंने सिर्फ एक ओवर गेंदबाजी की थी।
वहीं MI ने जोफ्रा आर्चर को IPL 2022 में मुंबई इंडियंस ने ये जानते हुए भी 8 करोड़ रुपये में खरीदा कि वो चोटिल हैं और 2022 वाला सीजन नहीं खेल पाएंगे। आर्चर ने 2023 में वापसी की, लेकिन उनकी जिस ताकत के चलते मुंबई ने उन पर करोड़ों रुपये खर्च किए थे, वो गायब दिखी। वो 5 मैच खेलकर इस सीजन से भी बाहर हो गए हैं। 5 मैचों में भी वो सिर्फ 2 विकेट ही ले पाए। आर्चर की चोट पर इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड लगातार नजरें बनाए हुए हैं। फ़िलहाल आर्चर इंग्लैंड की ओर से खेल नहीं रहें हैं लेकिन उन्हें सुनील गावस्कर ने धोकेबाज़ कहा है।
वैसे हमारा सभी फ्रेंचाइजी से बस एक ही सवाल है। IPL, Indian Premier League है और इसकी शुरुआत भारतीय युवा खिलाड़ियों को मौका देने के लिए हुई थी। तो यशसवी जायसवाल, रिंकू सिंह, साईं सुदर्शन और तिलक वर्मा जैसे युवा टैलेंट को मोटी रकम क्यों नहीं और विदेशी खिलाड़ी जो कभी भी अपनी फ्रेंचाइजी का साथ कभी छोड़ देते हैं वो IPL इतिहास के सबसे महंगे खिलाड़ी क्यों?
आपको क्या लगता है?
क्या विदेशी खिलाड़ियों पर इतना पैसा उड़ना सही है?