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‘बचपन में बॉल और बैट साथ लेकर सोते थे तिलक..,वर्ल्ड कप जीतना मेन ड्रीम’, पिता ने युवा क्रिकेटर को लेकर किए कई खुलासे

मुंबई इंडियंस के मध्यक्रम बल्लेबाज तिलक वर्मा ने हाल ही में खेले गए इंडियन प्रीमियर लीग(IPL 2023) में शानदार प्रदर्शन किया था। युवा बल्लेबाज तिलक वर्मा को उनके बेहतरीन प्रदर्शन का ईनाम भी मिला है। वह इस समय वेस्टइंडीज के खिलाफ पांच मैचों की T20 सीरीज का हिस्सा हूं। उन्हें वेस्टइंडीज के खिलाफ 3 अगस्त को खेले गए पहले T20 मैच में डेब्यू करने का मौका मिला। जिसमें उन्होंने शानदार बल्लेबाजी करते हुए 39 रन जड़ दिए। इसके अलावा दूसरे टी-20 मुकाबले में तिलक वर्मा ने शानदार अर्धशतक लगाते हुए 51 रन जड़े थे। वहीं तीसरे T20 मैच में उन्होंने विस्फोटक बल्लेबाज सूर्य कुमार यादव के साथ शानदार बल्लेबाजी करते हुए 49 रन बनाए। एक समय ऐसा लग रहा था कि वह अपना अर्धशतक पूरा कर लेंगे, परंतु कप्तान हार्दिक पांड्या ने छक्का जड़कर(मैच जीत) उन्हें अर्धशतक पूरा करने का मौका नहीं दिया।

वर्ल्ड कप जीतना तिलक का सपना

बेहद गरीबी में अपना जीवन काटने वाले तिलक वर्मा के पिता ने उनके लिए काफी मेहनत की है। तिलक वर्मा के पिता ने अपने बेटे को क्रिकेट की तरफ बढ़ने के लिए काफी प्रेरित किया था, इसके अलावा गुरु और गॉडफादर कोच सलाम बयाश के मार्गदर्शन के चलते उन्होंने अंडर-19 विश्व कप में जगह बनाई थी। आज जब तलक वर्मा इंटरनेशनल क्रिकेट में धमाल मचा रहे हैं तो उनके पिता का भी बयान आया है। उनका कहना है कि तिलक वर्मा का सपना भारत के वर्ल्ड कप जीतना है।

फॉलो द ब्लूज पर स्टार स्पोर्ट्स से बातचीत करते हुए तिलक वर्मा के पिता नंबूरी ने कहा कि “जब वह बच्चा था, तब से ही उसके हाथ में हमेशा बल्ला होता था, वह हर समय अपने क्रिकेट बैट से खेलता रहता था। हमने उसके लिए प्लास्टिक का बल्ला खरीदा, जो खिलौनों की दुकानों से मिलता है, और जब वह सोता था, तब भी वह बल्ला और गेंद अपने पास रखता था। वे हमेशा से टीम इंडिया को विश्व कप जीताना चाहते हैं।”

कोच ने निभाई गॉडफादर की भूमिका

तिलक बर्मा को एक क्रिकेटर बनाने के लिए दिन रात मेहनत करने वाले उनके पिता ने आगे कहा कि,चाहे वह उनका दोपहर का भोजन हो या उनका क्रिकेट टूल्स, वह इसे उन्हें (तिलक को) देंगे।वह मुझसे कहते थे कि अगर कोई परेशानी हो तो वह हमेशा मौजूद हैं, हमें तिलक को अगले लेवल पर ले जाना है। मैं सलाम सर से कहता था कि उन्हें पढ़ाई में कमी नहीं रखनी चाहिए, वह हमें आश्वासन देते थे कि सब कुछ ठीक हो जाएगा और पैसे की कोई समस्या नहीं होगी। वह उन्हें बहुत प्रोत्साहित करते थे, वह उनके लिए गॉडफादर की तरह थे।”

बताते चलें कि, तिलक वर्मा के पिता एक इलेक्ट्रिशियन है। जिन्होंने तिलक को क्रिकेट अकादमी में पहुंचाने के लिए दिन रात एक कर दिया। तिलक वर्मा ने इस बात को स्वीकार भी किया है कि जब वह अपने पिता को इस बात से अवगत कराते थे कि उनके पास बैट या फिर कोई और जरूरी सामान नहीं है, तो वह उन्हें हमेशा उपलब्ध कराने का आश्वासन देते थे।

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