बुधवार को दिल्ली के अरुण जेटली क्रिकेट स्टेडियम में खेले गए वर्ल्ड कप 2023 के 24वें मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया ने अपने पुराने रंग में लौटते हुए नीदरलैंड को 309 रनों से हाराया है। यह वनडे वर्ल्ड कप के इतिहास में रनों के लिहाज से सबसे बड़ी जीत है। ऑस्ट्रेलिया की इस जीत में कंगारू टीम के ऑलराउंडर ग्लेन मैक्सवेल ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने इस मैच में महज 40 गेंद पर शतक जड़ दिया। जो वर्ल्ड कप के इतिहास का सबसे तेज शतक है। उनकी इस विध्वंसक पारी के लिए मैच की समाप्ति पर उन्हें ‘मैन ऑफ द मैच’ के अवार्ड से नवाजा गया।
दरअसल बीच मैच में इस समय दर्शकों के इंजॉय के लिए सामान्य लाइटों को बंदकर कुछ समय का ‘लेजर लाइट शो’ होता है। जिसकी चकाचौथ में कुछ प्लेयर्स का ध्यान भटक जाता है।जिसको लेकर ग्लेन मैक्सवेल ने नाराजगी जताई है। ऑस्ट्रेलिया बनाम नीदरलैंड मैच के दौरान जब लेजर लाइट शो हुआ तो ग्लेन मैक्सवेल अपनी आंख बचाते हुए नजर आए।
लाइट शो के प्रति अपनी नापसंदगी के बारे में पूछे गए सवालों के जवाब में मैक्सवेल इससे काफी चिंतित दिखे।उन्होंने खुलासा किया कि पर्थ स्टेडियम में बिग बैश लीग के दौरान इसी तरह के लाइट शो के कारण उन्हें गंभीर सिरदर्द हुआ था।उन्होंने क्रिकेट मैच में इस तरह के अनावश्यक चीजों को शामिल करने की कड़ी आलोचना की है,खासकर जब खिलाड़ियों को तेजी से घूमती क्रिकेट गेंदों पर अपना ध्यान बनाए रखना होता है, क्योंकि ऐसा होने पर उन्हें अपनी दृष्टि का त्वरित समायोजन करना मुश्किल होता है।
लाइट शो के बारे में विजडन से बात करते हुए मैक्सवेल ने कहा कि,”बिग बैश लीग के दौरान पर्थ स्टेडियम में लाइट शो जैसा कुछ हुआ था। मुझे ऐसा लगा जैसे इसने मुझे चौंकाने वाला सिरदर्द दे दिया है और मेरी आंखों को ठीक होने में थोड़ा समय लगता है।सोचिए कि यह क्रिकेटरों के लिए कितना मूर्खतापूर्ण आइडिया है,आपके पास यह चीज़ तुरंत आ रही है, जबकि आपकी आँखों को समायोजित करने में इतना समय लगता है। मुझे लगता है कि पर्थ स्टेडियम की रोशनी खराब होने के चलते हमने एक विकेट खो दिया।”
ग्लेन मैक्सवेल ने आगे कहा कि “मैं दूसरे छोर पर था और मुझे अपनी आंखें दोबारा ठीक करने में बहुत समय लग गया, मुझे ऐसा महसूस हुआ जैसे मेरे सिर में दर्द हो रहा है, इसलिए मैं जितना संभव हो सके उतना छिपने की कोशिश करता हूं और इसे नजरअंदाज कर देता हूं। लेकिन यह एक भयानक विचार है।”