क्रिकेट के खिलाड़ियों को लेकर एक बात बार-बार कही जाती है कि क्या अच्छा टी-20 खेलने वाला क्रिकेटर टेस्ट क्रिकेट में भी उसी अंदाज में प्रदर्शन कर पाएगा। या फिर रेड बॉल का बल्लेबाज टी20 और वनडे क्रिकेट में उसी तरीके से जलवा बिखेर पाएगा। सच कहा जाए तो क्रिकेट के तीनों प्रारूपों की विविधता को देखते हुए किसी भी क्रिकेटर के लिए सभी प्रारूपों में निरंतर अच्छा प्रदर्शन कर पाना एक टेढ़ी खीर है। कहा जाता है कि क्रिकेट के प्रारूप के अनुसार खिलाड़ियों को अपने टेंपलेट में बदलाव करना चाहिए।इस मसले पर भारतीय टीम के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज गौतम गंभीर ने खुलकर बात की है।
टेंपलेट के हिसाब से हो खिलाड़ियों का चयन
पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर का मानना है कि टेंपलेट के हिसाब से भारतीय खिलाड़ियों का चयन होना चाहिए। क्योंकि एक खिलाड़ी के खेलने के तरीके को दूसरा खिलाड़ी फॉलो नहीं कर सकता। स्टार स्पोर्ट से बातचीत में गौतम गंभीर ने कहा कि पहले बोर्ड को उन खिलाड़ियों की पहचान करनी होगी जो निर्भीक होकर बल्लेबाजी कर सके। वनडे क्रिकेट में आपको हर तरीके के टेंपलेट वाले खिलाड़ियों को खोजना होगा। तभी एक बेहतर टीम बन सकती है। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि पहले केवल एक नई गेंद मिलती थी। परंतु अब दो नई गेंदे दी जाती हैं। इसके अलावा फील्डिंग को लेकर भी बदलाव हुए हैं इसलिए जरूरी है कि आपके पास हर एक रोल के लिए अलग-अलग खिलाड़ी हो।
सूर्या और विराट अलग-अलग शैली के खिलाड़ी
गौतम गंभीर ने सूर्य कुमार यादव और विराट कोहली को अलग-अलग टेंपलेट का खिलाड़ी बताया है। उन्होंने कहा कि विराट और सूर्य कुमार यादव अलग-अलग शैली के खिलाड़ी हैं। अगर आप विराट कोहली को सूर्य कुमार यादव की तरह खेलने को बोलेंगे तो वह नहीं खेल पाएंगे। और इसके विपरीत यदि आप सूर्य कुमार यादव को विराट की तरह खेलने को कहेंगे तो वह भी नहीं खेल पाएंगे। इसलिए खिलाड़ियों का रोल डिसाइड करना होगा। उन्होंने कहा कि रोहित शर्मा और विराट कोहली भारत में आयोजित आगामी वनडे विश्वकप 2023 के लिए महत्वपूर्ण होंगे। क्योंकि यह खिलाड़ी अच्छा स्पिन खेलते हैं।