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कहानी कैप्टन कूल की:सेना में जाना चाहते थे माही, जानिए कैसे किया ये सपना भी साकार?

भारतीय टीम के सबसे सफल कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की कहानी किसी फिल्मी स्टोरी से कम नहीं है। यही कारण है कि उनके ऊपर निर्देशक नीरज पांडेय द्वारा ‘एम एस धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी’ नामक एक ड्रामा फिल्म भी बनाई गई। जो साल 2016 में रिलीज हुई। और बॉक्स ऑफिस पर जमकर धमाल मचाया। जिसमें कैप्टन कूल के जीवन से जुड़े कई महत्वपूर्ण पहलुओं को दर्शाया गया है। तत्कालीन बिहार के रांची (अब झारखंड) के एक बेहद सामान्य से परिवार में जन्मे महेंद्र सिंह धोनी के संघर्षों की कहानी आज किसी से छिपी नहीं है। उन्होंने किस तरीके से रेलवे में मिली नौकरी का परित्याग कर क्रिकेट खेलने के प्रति अपने जुनून के कारण अपने सपनों को साकार कर दिखाया है।

महेंद्र सिंह धोनी अपने स्कूल टीम में फुटबॉल खेलते समय एक गोलकीपर हुआ करते थे। उनके बेहतरीन गोलकीपिंग को देखकर कोच इंप्रेस हुए और उन्होंने एम एस धोनी को बाद में विकेटकीपर और एक धाकड़ बल्लेबाज बना डाला।इस तरह की तमाम कहानियों से आप जरूर वाकिफ होंगे। क्योंकि ऐसी कहानियों को ‘एम एस धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी’ फिल्म में भी दिखाया गया है। परंतु आज हम महेंद्र सिंह धोनी के 42 वें जन्मदिन के अवसर पर आपके साथ एक ऐसी कहानी साझा करने जा रहे हैं। जिससे शायद कुछ कम लोग ही वाकिफ होंगे।

फौजी बनना चाहते थे माही

दरअसल भारतीय टीम को अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद की तीनों ट्राफियां जिताने वाले महेंद्र सिंह धोनी सेना में जाना चाहते थे। भारतीय सेना की वर्दी ने महेंद्र सिंह धोनी को उसी तरह से अपनी तरफ आकर्षित किया था जैसे भारत में पैदा होने वाले किसी भी लड़के को इंडियन आर्मी की वर्दी आकर्षित करती है। महेंद्र सिंह धोनी ने मिलिट्री के पैराशूट रेजीमेंट के साथ एक बार टाइम स्पेंड करते हुए खुद इस बात का खुलासा किया था कि बचपन में उनका सपना सेना का जवान बना था। महेंद्र सिंह धोनी ने एक निजी चैनल को दिए गए इंटरव्यू में बताया था कि,”मैं रांची में आर्मी एरिया में अक्सर चला जाता था। वहां जाकर मैं जवानों को देखकर सोचता था कि एक दिन मैं भी ऐसा ही बनूंगा।”

ऐसा नहीं है कि, महेंद्र सिंह धोनी एक क्रिकेटर बनने के चक्कर में फौजी बनने के सपने को साकार नहीं कर पाए हैं। उन्होंने साल 2011 में जब टीम इंडिया को इतिहास दोहराते हुए दोबारा चैंपियन बनाया, उसके बाद उनका फौजी बनने का सपना भी पूरा हो गया। एमएस धोनी को भारतीय सेना के टेरिटोरियल आर्मी में लेफ्टिनेंट कर्नल की मानद रैंक दी गई थी। इतना ही नहीं महेंद्र सिंह धोनी का कहना था कि उन्हें ऊंचाई से काफी डर लगता है। परंतु जब उन्होंने भारत की वर्दी धारण की तो जवानों के साथ फैन जंप भी किया। उस दौरान माही ने कहा कि इस वर्दी में कुछ तो खास बात है जिस कारण मुझे ऊंचाई से बिल्कुल डर नहीं लगा।

IPL 2024 का भी हिस्सा बनेंगे माही

टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी इस सीजन जब IPL 2023 में हिस्सा ले रहे थे, तो उस वक्त इस बात के कयास लगाए जा रहे थे कि यह महेंद्र सिंह धोनी का आखिरी IPL हो सकता है। परंतु महेंद्र सिंह धोनी ने सभी को चौंकाते हुए शरीर के साथ देने की स्थिति में IPL 2024 खेलने की मनसा जता चुके हैं। जिसके बाद ऐसा माना जा रहा है कि महेंद्र सिंह धोनी शायद अब IPL 2024 में भी खेलते हुए नजर आए।

उन्होंने साल 2004 में बांग्लादेश के खिलाफ अपना पहला इंटरनेशनल क्रिकेट खेला था। जिसके बाद अनेक उतार-चढ़ाव के बीच वह टीम इंडिया में अपनी जगह सुनिश्चित करने में सफल रहे। माही ने अपने इंटरनेशनल क्रिकेट करियर में कुल 90 टेस्ट, 350 वनडे और 98 टी20 मुकाबले खेले हैं। जिनमें उन्होंने क्रमशः 4876 रन,10773 रन और 1617 रन बनाए हैं।

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