इंडियन प्रीमियर लीग और विश्व टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल मुकाबला संपन्न हो जाने के बाद अब टीम इंडिया करीब एक महीने के आराम पर है। भारत का अगला दौरा वेस्टइंडीज का है। जहां भारतीय टीम को दो टेस्ट,तीन वनडे और 5 टी20 मुकाबले खेलने हैं। इस सीरीज का पहला मुकाबला 12 से 16 जुलाई के बीच खेला जाएगा। जिसके लिए जुलाई के पहले सप्ताह में ही भारतीय टीम वेस्टइंडीज के दौरे पर पहुंच जाएंगी। वेस्टइंडीज दौरे के लिए जहां भारतीय टीम के पास ढेर सारी सुखद यादें हैं। वही इस दौरे को लेकर भारतीय टीम से जुड़ा एक ऐसा खतरनाक मंजर भी है। जिसे यादकर भारतीय प्रशंसक सिहर जाते हैं। क्योंकि एक बार फिर टीम इंडिया वेस्टइंडीज के लम्बे दौरे पर जाने के लिए तैयार है, तो उसे पहले आइए 1976 में भारत द्वारा किए गए वेस्टइंडीज दौरे की खट्टी-मीठी यादों को ताजा कर देते हैं।
1976 का खतरनाक वेस्टइंडीज दौरा
दरअसल 1976 में भारतीय टीम चार टेस्ट मैच खेलने के लिए वेस्टइंडीज दौरे पर पहुंची थी। इस दौरे पर पोर्ट ऑफ स्पेन में खेले गए तीसरे टेस्ट मैच की चौथी पारी में भारतीय टीम ने 403 रनों के बड़े लक्ष्य का पीछा करते हुए जीत हासिल कर इतिहास रच दिया था। भारत द्वारा बनाया गया यह रिकॉर्ड 27 सालों तक बरकरार रहा। यह इस दौरे पर टीम इंडिया के लिए सबसे सुखद पल था। परंतु इसी दौरे पर किंग्सटन में खेला गया चौथा टेस्ट मैच टीम इंडिया के लिए ऐसा रहा जिसे याद कर आज भी डर लगता है।
किसी का मुंह, किसी का कान तो किसी का उंगली टूटा
दरअसल इस मुकाबले में भारतीय टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए अपनी पहली पारी 6 विकेट गिरने के बाद ही महज 306 रनों पर घोषित कर दी। इस दौरान टीम इंडिया के सलामी बल्लेबाज अंशुमान गायकवाड और बृजेश पटेल कैरेबियाई गेंदबाजों का सामना करते हुए रिटायर हर्ट हो गए। दरअसल इस मुकाबले में वेस्टइंडीज के गेंदबाज सबीना पार्क की अप्रत्याशित उछाल में इस प्रकार की गेंदबाजी कर रहे थे कि भारतीय टीम के बल्लेबाजों के लिए उनका सामना करना न सिर्फ मुश्किल बल्कि नामुमकिन सा लग रहा था।
इस मैच के दौरान अंशुमान गायकवाड़ के बाएं कान पर चोट लगी थी जिसके कारण उन्हें अगली दो रातें अस्पताल में बितानी पड़ी। वहीं दूसरी तरफ बृजेश पटेल कि मुंह में गेंद लगने से उन्हें टांके लगवाने पड़ गए। इतना ही नहीं इस मैच के दौरान गुंडप्पा विश्वनाथ के दाहिने हाथ की उंगली टूट गई। जिस कारण यह तीनों क्रिकेटर इस मुकाबले में आगे खेलने लायक नहीं बचे थे।
चोटिल होने के डर से कप्तान ने घोषित की पारी
इन चीजों से हैरान और परेशान होकर एस. वेंकटराघवन का विकेट गिरते ही भारतीय कप्तान बिशन सिंह बेदी ने पारी घोषित कर दी। उन्होंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि वह कैरेबियाई पेसरों के सामने अपने तेज गेंदबाजों को चोटिल होने से बचाना चाहते थे। हालांकि वेस्टइंडीज के बल्लेबाजों के सामने भारतीय तेज गेंदबाज कुछ खास असर नहीं छोड़ सके। और वेस्टइंडीज की टीम 391 रन बनाकर ऑल आउट हुई।
दूसरी पारी में पांच बल्लेबाज हुए Absent Hurt
इस मैच में कैरेबियाई टीम द्वारा 85 रन की बढ़त लेने के बाद जब भारतीय टीम अपनी दूसरी पारी में बल्लेबाजी करने आई तो वह 26.2 ओवरों में महज 97 रनों पर सिमट गई। इस दौरान टीम इंडिया के पांच बल्लेबाज Absent Hurt हुए। मतलब ये बल्लेबाज चोट के चलते बैटिंग करने की स्थिति में ही नहीं थे। इस दौरान सात बल्लेबाज(Absent Hurt को मिलाकर) ‘0’ के व्यक्तिगत स्कोर पर आउट हुए। टेस्ट क्रिकेट इतिहास का यह एक ऐसा मुकाबला था, जिसमें भारत के 17 सदस्यीय स्क्वॉड के सभी खिलाड़ी किसी न किसी रूप (सब्सीट्यूट या मेन प्लेयर) के रूप में इस मैच का हिस्सा बनते हुए नजर आए।उस दौरान चार मैचों की इस टेस्ट सीरीज पर वेस्टइंडीज ने 2-1 से कब्जा जमाया था।