विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल मुकाबले में भारत और ऑस्ट्रेलिया की टीमें आमने-सामने है। लंदन के द ओवल में खेले जा रहे इस महा मुकाबले का पहला दिन पूरी तरीके से आस्ट्रेलिया के नाम रहा। पहले दिन के खेल की समाप्ति तक आस्ट्रेलिया टीम ने महज तीन विकेट खोकर स्कोरबोर्ड पर 327 रन टांग दिए। जिसके बाद न सिर्फ कप्तान रोहित के टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने के फैसले की आलोचना हो रही है। बल्कि अंतिम एकादश के चयन के बाद में भी वह सवालों के घेरे में हैं। क्योंकि उन्होंने बड़ा रिस्क लेते हुए दुनिया के सर्वश्रेष्ठ टेस्ट गेंदबाज आर अश्विन को अंतिम एकादश का हिस्सा नहीं बनाया है। उनके स्थान पर कप्तान रोहित ने ऑलराउंडर शार्दुल ठाकुर को जगह दी है।
इन सबके बीच कई दिग्गजों का यह भी मानना है कि कम से कम WTC के फाइनल मुकाबले के लिए भारतीय चयनकर्ताओं को बैटिंग ऑलराउंडर की कमी को पूरा करते हुए हार्दिक पांड्या को जगह देना चाहिए था। क्योंकि इस मुकाबले को देखकर लोगों को ऐसा लग रहा है कि टीम इंडिया को हार्दिक की कमी खल रही है। इंग्लैंड क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान नासिर हुसैन और आस्ट्रेलिया के पूर्व दिग्गज कप्तान रिकी पोंटिंग ने ओवरसीज टेस्ट में भारतीय टीम की कमियों पर प्रकाश डाला है।
हार्दिक टीम में क्यों नहीं ?
पहले दिन के खेल के दौरान आखिरी सेशन में कमेंट्री करते हुए नासिर हुसैन ने कहा कि, टॉस के समय ही दिख रहा था कि भारतीय टीम अपने प्लेइंग इलेवन को लेकर दुविधा में है। जबकि ऑस्ट्रेलिया का पक्ष इस मामले में बिल्कुल क्लियर था। क्योंकि भारतीय टीम में रवींद्र जडेजा, अक्षर पटेल और आर अश्विन तीनों ऑल राउंडर हैं। परंतु ओवरसीज कंडीशन में आपको पेसर ऑलराउंडर की जरूरत पड़ती है। ऐसे में हार्दिक पांड्या कहां है?
उसी दौरान पोंटिंग ने इसके जवाब में कहा कि, यह लाइन कमेंट्री के दौरान सुबह भी मेंशन की गई थी। परंतु हार्दिक ने यह साफ कर दिया है कि उनका शरीर अभी टेस्ट क्रिकेट के लिए बिल्कुल तैयार नहीं है। परंतु फिर भी यह सवाल उठता है कि आप अपनी टीम को बैलेंस देने के लिए सिर्फ एक टेस्ट मैच खेलने नहीं आ सकते। यह बाकी खिलाड़ियों के लिए ठीक बात नहीं होगी।