भारतीय क्रिकेट टीम के नियमित कप्तान रोहित शर्मा आज अपने क्रिकेट कौशल की वजह से पूरी दुनिया में मशहूर हैं।वह न सिर्फ एक बेहतरीन बल्लेबाज हैं बल्कि एक धुरंधर कप्तान भी हैं। उन्होंने अपनी अगुवाई में मुंबई इंडियंस को 5 बार IPL का खिताब जिताया है। रोहित भले ही अब नेम-फेम और मनी के मोहताज नहीं है। परंतु उन्होंने अपने जीवन के प्रारंभिक दिनों में काफी संघर्ष किया था।रोहित शर्मा से जुड़ा एक किस्सा उनके पुराने साथी प्रज्ञान ओझा ने शेयर किया है। प्रज्ञान ओझा बताते हैं कि, रोहित आज जब अपने उन शुरुआती दिनों को याद करते हैं तो वह भावुक हो जाते हैं।
क्रिकेट किट खरीदने के लिए करना पड़ा संघर्ष
प्रज्ञान ओझा ने जियोसिनेमा को दिए गए एक इंटरव्यू में बताया कि, “मैं पहली बार अंडर 15 के नेशनल कैंप में रोहित शर्मा से मिला था। उस वक्त लोगों में यह चर्चा थी कि रोहित एक विशेष खिलाड़ी है।वह बॉम्बे वाला लड़का है, ज्यादा नहीं बोलता परंतु खेलते समय आक्रामक रहता है। उस दौरान मैंने उनके खिलाफ खेला और उनका विकेट भी हासिल किया। जिसके बाद धीरे-धीरे हम दोनों की दोस्ती हो गई।”
प्रज्ञान ओझा ने बताया कि, “रोहित शर्मा एक मिडिल क्लास परिवार से ताल्लुक रखते थे। मुझे याद है कि वह एक बार भावुक हो गए थे। जब उनके पास क्रिकेट की किट खरीदने के लिए पैसे नहीं थे।उस दौरान उन्होंने दूध के पैकेट बेचे और पैसे एकत्र कर क्रिकेट किट खरीदा। अब जब मैं उन्हें देखता हूं तो मुझे काफी गर्व महसूस होता है। क्योंकि पुराने पन्नों को पलटने से पता चलता है अब हम कहां पहुंच गए हैं।”
रोहित शर्मा का क्रिकेट करियर
हिटमैन के नाम से मशहूर रोहित शर्मा ने साल 2007 में अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत की थी। तब से लेकर अब तक वह भारत के लिए 243 वनडे मुकाबलों में 30 शतक और 48 अर्धशतक की मदद से 9825 रन बना चुके हैं। इसके अलावा रोहित शर्मा ने 148,T20 इंटरनेशनल मुकाबले में 29 अर्धशतक की मदद से 8365 रन बनाए हैं। रोहित के नाम 49 टेस्ट मैचों में 9 शतक भी दर्ज है। उन्होंने भारतीय टीम को अभी हाल ही में विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचाया है।
बताते चलें कि रोहित ने साल 2008 में डेक्कन चार्जर्स की टीम की तरफ से इंडियन प्रीमियर लीग में कदम रखा था। उस दौरान प्रज्ञान ओझा भी डेक्कन चार्जर्स का हिस्सा थे। इसके अलावा इन दोनों खिलाड़ियों ने मुंबई इंडियंस के लिए एक साथ खेलते हुए साल 2013 और 2015 का खिताब भी जीता है।