बंगाल क्रिकेट टीम के स्टार खिलाड़ी मनोज तिवारी इस समय बिना कोई मुकाबला खेले केवल अपने बयानों के दम पर सोशल मीडिया की सुर्खियां बटोर रहे हैं, अभी तिवारी के एक बयान ने घरेलू स्तर पर खेली जाने वाली रणजी ट्राफी के अंदरूनी काले कारनामों से पर्दा उठाने का प्रयास किया, जिसके चलते BCCI ने मनोज पर मैच फीस का 20 प्रतिशत जुर्माना भी लगाया। हालांकि अब इनका एक और बयान काफी चर्चाओं में है, जिसमें तिवारी ने खिलड़ियों का शानदार प्रदर्शन होने के बावजूद उनके साथ होने वाले अन्याय का खुलासा किया है और धोनी को सवालों के कटघरे में खड़ा कर दिया है।
तिवारी ने धोनी पर उठाए सवाल
मनोज तिवारी नें BCCI से जुर्माना वहन करने के बाद, IPL में खेलने की इच्छा रखने वाले खिलाड़ियों को लेकर मार्गदर्शन किया, जिसमें इन्होंने IPL में खेलने से पहले घरेलू रणजी ट्राफी पर भी जोर देने की बात कही और साथ ही अब तिवारी ने अपने साथ साल 2011 में हुए अन्याय को देखते हुए, खिलाड़ियों के अंतर्राष्ट्रीय मुकाबलें में चयन को लेकर सिलेक्टरों की नीति पर भी सवाल खड़े कर दिए। दरअसल, मनोज इस अन्याय का सामना साल 2011 में चेन्नई में हुए वेस्टइंडीज के खिलाफ एकदवसीय मुकाबले के दौरान करना पड़ा, उस समय मनोज तिवारी ने 104 रनों की शानदार शतकीय परी खेली, इसके बावजूद उनका चयन अंतर्राष्ट्रीय मुकाबलों में नहीं हुआ, जब टीम इंडिया के कप्तान एम.एस धोनी थे, हालांकि अब मैका पाकर तिवारी ने धोनी की नीति पर सवाल खड़े कर दिए।
दरअसल, तिवारी ने कोलकाता में एक सम्मान समारोह के अवसर पर पत्रकारों से बतचीत के दौरान कहा, “मैं Dhoni से पूछना चाहूंगा की मुझे शतक मारने के बाद टीम से बाहर क्यों निकाला गया. मेरे पास भी कोहली और रोहित की तरह स्टार बनने की छमता थी मगर मैं नहीं बन पाया और जब कुछ खिलाड़ियों को आवश्यकता से ज्यादा अंतराष्ट्रीय स्तर पर मौका मिलता है तो अपने समय को याद करके बुरा लगता है” अपने इस वयान के चलते तिवारी ने टीम इंडियां की उस नीति से भी पर्दा उठाया, जिस नीति से खिलाड़ियों का चयन होता है।