क्रिकेट के मैदान पर बल्ले को तलवार की तरह नाचने वाले जडेजा अब सियासी मैदान पर भी अपनी तलवार नचाते हुए दिखेंगे। नहीं-नहीं हम असल में रविंद्र जडेजा की बात नहीं कर रहे, हम बात कर रहें उनकी अर्धांगिनी रीवाबा जडेजा की जिन्होंने Gujarat Vidhan Sabha Chunav में जामनगर नॉर्थ सीट से जीत हासिल कर ली है। रीवाबा की इस जीत में सबसे बड़ा हाथ किसका था और आखिर कैसे पड़ी Jadeja परिवार में सियासी फूट। आइए जानते हैं…..
रविंद्र जडेजा की पत्नी रिवाबा जडेजा सिसायत की पिच पर उतरी और वो सिर्फ सियासी मैदान पर उत्तरी नहीं बल्कि उस मैदान को अपना बना लिया। बीजेपी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच त्रिकोणीय मुकाबले में सभी की नज़रे भारतीय क्रिकेट टीम के ऑलराउंडर रविंद्र जडेजा की पत्नी रिवाबा जडेजा पर थी। और इस दौरान Jadeja परिवार में सियासी फूट पड़ी क्योंकि जामनगर नार्थ विधानसभा सीट से बीजेपी कैंडिडेट के तौर पर चुनाव लड़ रही रिवाबा जडेजा के खिलाफ उनके ससुर और ननद ने प्रचार किया था। जामनगर में रीवाबा के खिलाफ कांग्रेस से बिपेंद्र सिंह जडेजा और आम आदमी पार्टी से करशनभाई करमुर थे। जिन्हें हराकर रीवाबा ने एक शानदार जीत हासिल की।
अब हम आपको बताते है रिवाबा जडेजा के जीवन के बारें में। रिवाबा ने मैकेनिकल इंजीनियर की पढ़ाई की है। साल 2016 में उनकी भारतीय खिलाड़ी रविंद्र जाडेजा से शादी हुई। 2019 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले रिवाबा बीजेपी का दामन थामकर राजनीति में सक्रिय हो गई थीं। तीन साल के बाद बीजेपी ने उन्हें जामनगर नार्थ सीट से प्रत्याशी बनाया। बताते चलें जामनगर नार्थ बीजेपी की परंपरागत सीट मानी जाती है। 2017 में बीजेपी से धर्मेंद्र सिंह जडेजा विधायक बने थे, लेकिन इस बार पार्टी ने उनकी जगह रविंद्र जडेजा की पत्नी रिवाबा जडेजा को मौका दिया है। ऐसे में रिवाबा के सामने उनके ससुर और ननद ने मुश्किल खड़ी कर दी थी।
लेकिन अपने पति के समर्थन और प्यार की बदौलत रिवाबा रवींद्रसिंह जडेजा ने जामनगर उत्तर विधानसभा चुनाव में 48,456 मतों से भारी बहुमत से जीत दर्ज कर ली है।