भारतीय टीम के पूर्व दिग्गज ओपनर वीरेंद्र सहवाग ने हाल ही में तेज गेंदबाज इशांत शर्मा से जुड़ा एक मजेदार किस्सा शेयर किया है। यह कहानी साल 2008 में श्रीलंका के खिलाफ खेले गए दूसरे टेस्ट मैच के दौरान की है। जिसमें वीरेंद्र सहवाग ने शानदार दोहरा शतक लगाया था।गॉल इंटरनेशनल स्टेडियम में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच के पहली पारी के दौरान बल्लेबाजी करते हुए ओपनर वीरेंद्र सहवाग ने 199 रन बना लिए थे। उस दौरान अंतिम विकेट होने के बावजूद इशांत शर्मा विरेंद्र सहवाग से बैटिंग करने की मांग करते हैं। जिसके बाद वह आउट होकर पवेलियन लौट जाते हैं।
यूट्यूबर रणवीर अल्लाहबादिया से बातचीत के दौरान वीरेंद्र सहवाग ने इस राज का पर्दाफाश किया।दरअसल बातचीत में वह स्वार्थी बल्लेबाज होने के मसले पर डिसकस कर रहे थे। वीरेंद्र सहवाग ने कहा कि, “नकारात्मक माहौल का यही मतलब होता है कि कुछ खिलाड़ी खुद तो रन बनाना चाहते हैं परंतु दूसरे बल्लेबाजों को असफल होते देखना चाहते हैं। परंतु मैं हमेशा से चाहता था कि मैं और मेरा साथी दोनों एक साथ रन बनाऊं, आखिर क्यों मैं स्वार्थी हो जाऊं?
मजेदार वाकया का जिक्र
वीरेंद्र सहवाग ने कहा कि, स्वार्थी होने को लेकर मैं एक कहानी सुनाता हूं। श्रीलंका के खिलाफ एक टेस्ट मैच के दौरान मैं 199 रनों पर बल्लेबाजी कर रहा था।10वें विकेट के लिए इशांत शर्मा हमारे साथ नान स्ट्राइकिंग एंड पर मौजूद थे। मुझे पता था कि वह मुथैया मुरलीधरन और मेंडिस की गेंदों का सामना नहीं कर सकते। यदि उस समय मैं सेल्फिश बनता तो कुछ और रन बना सकता था।”
मैंने मुरलीधरन की 5 गेंदे खेली और आखिरी गेंद पर सिंगल ले लिया। तभी इशांत शर्मा हमारे पास आए और बोले, ‘भैया मैं खेलूंगा।आप बेवजह डर रहे हैं।’ इसके बाद मैंने अपना दोहरा शतक पूरा किया और स्ट्राइक उसे दे दी। इशांत शर्मा अजंता मेंडिस की दो गेदों का भी सामना नहीं कर सके और वह आउट हो गए। इसके बाद मैंने पूछा कि, आपकी मनोकामना पूरी हो गई?
हालांकि इस मुकाबले में भारतीय टीम ने 170 रनों से जीत दर्ज की थी। पहली पारी में दोहरा शतक और दूसरी पारी में अर्धशतक जड़ने वाले वीरेंद्र सहवाग को शानदार बल्लेबाजी के लिए मैन ऑफ द मैच चुना गया था।