आपने हालिया समय में देखा ही होगा कि ईशान किशन और श्रेयस अय्यर सहित कुछ अन्य खिलाड़ियों को रणजी मुकाबले न खेलने व क्रिकेट बोर्ड के निर्देशों का पालन न करने के कारण BCCI ने अपने सेन्ट्रल कांट्रेक्ट 2023-24 से बाहर कर दिया, जोकि एक अक्टूबर 2023 से 30 सितंबर 2024 तक लागू होगा। हालांकि इस कॉट्रेक्ट की घोष्णा अब आकर की गई है, बाहर होने से पहले अय्यर कॉट्रेक्ट की लिस्ट बी व ईशान ग्रेड सी में शामिल थे, जिसके लिए क्रिकेट बोर्ड इन्हें मैच फीस से हटकर क्रमश: 3 करोड़ व 1 करोड़ रू सालाना मुहैया करता था।
क्या क्रिकेट बोर्ड अपना रहा दोहरा रवैया
अगर क्रिकेट बोर्ड के इस फैसले की बात की जाए तो इस पर अधिकांश लोग प्रशंसा करते दिखाई दे रहे तो वहीं कुछ लोग बोर्ड की नीति पर सवाल खड़े करते दिखाई दिए और कहते दिखे कि बोर्ड दोहरा रवैया अपना रहा है, जहां उसने ईशान व अय्यर के रणजी न खेलने पर उन्हें कॉट्रेक्ट से बाहर कर दिय वहीं अगर देखा जाए तो एक और खिलाड़ी हार्दिक पांड्या भी हैं जो रणजी मुकाबला नहीं खेलते हुए IPL की तैयारियों में जुटे हैं।
पांड्या? क्यों नहीं हुए कांट्रेक्ट से बाहर
हम यहां उन लोगों को बता दें जो बोर्ड की नीति पर सवाल खडे करते दिखाई दिए कि पांड्या भी रणजी नहीं खेल रहे फिर भी नहीं हुए कांट्रेक्ट से बाहर, तो आपको बता दें, हार्दिक को BCCI के अधिकारियों नें खुद ही लाल गेंद क्रिकेट अर्थात रणजी खेलने को मना किया है क्योंकि उनकी बॉड़ी काफी शॉफ्ट है और वह जल्द ही चोटि हो जाते हैं इसलिए बोर्ड ने पांड्या को केवल मुख्य मुकाबलों में खेलने के लिए आराम दिया है। क्योंकि टेस्ट आदि मैचों में चार-पांच दिनों तक मैदान में डटे रहना होता है जिसके चलते हार्दिक की बॉडी उन परिस्थितियों से मुकाबला करने सछम नहीं है इसलिए इस आलराउंडर खिलाड़ी का इस्तेमाल केवल वनडे व टी-20 मुकाबलों के लिए किया जाता है।
ईशान व अय्यर की तुलना में पांड्या हैं हरफनमौला
ईशान व अय्यर के मुकाबले हार्दिक हरफनमौला खिलाड़ी हैं इनके टीम में होने से बल्लेबाजी व गेंदबाजी दोनों ही मजबूत होती है, इसलिए सिलेक्टर पांड्या को केवल मुख्य एकदिवसीय मुकाबलों में ही प्लेइंग-11 का हिस्सा बनाते हैं। जिसके चलते बोर्ड के अधिकारी पांड्या को रेड बॉल क्रिकेट खेलने से अलग रखते हैं। वहीं जिन खिलाड़ियों को कॉन्ट्रेक्ट से बाहर किया है, उसकी मुख्य बजह बोर्ड के निर्देशों का पालन न करना है और इस बोर्ड के इस निर्णय का समर्थन सभी क्रिकेट जगत करता दिखाई दिया।