ऑस्ट्रेलिया को पांच मैचों की टी-20 सीरीज में 4-1 से हराने के बाद टीम इंडिया दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ आगामी सीरीज के लिए तैयार है, जिसमें तीन टी20, तीन वनडे और दो टेस्ट मैच खेले जाएंगे। इस सीरीज में मुख्य आकर्षण का केन्द्र प्रत्येक प्रारूप के लिए टीम इंडिया के अलग-अलग कप्तान होंगे, जिसमें केएल राहुल एकदिवसीय टीम का नेतृत्व करेंगे, टी20I के लिए सूर्यकुमार यादव और टेस्ट सीरीज में रोहित शर्मा टीम इंडिया के कप्तान होंगे। तीनों प्रारुपों में अलग-अलग कप्तान तय करने पर कई पूर्व खिलाड़ियों ने बोर्ड के इस निर्णय की सराहना की है। वहीं कुछ पूर्व दिग्गज क्रिकेटर इससे खफा हैं,और उन्हें यह निर्णय पसंद नही आया है।
पूर्व भारतीय ऑलराउंडर इरफान पठान ने अलग-अलग प्रारूपों के लिए अलग-अलग कप्तान रखने की अवधारणा पर असहमति जताई है। उन्होंने अपनी राय साझा करते हुए कहा कि,यह इस बात की जानकारी देता है कि, क्रिकेट नेतृत्व का भविष्य कैसा दिख सकता है।
इरफान पठान का बयान
गेम प्लान के साथ बातचीत करते हुए, इरफान पठान ने कहा कि, “यह भविष्य के लिए एक संकेत हो सकता है, जिसका मैं बहुत बड़ा प्रशंसक नहीं हूं। लंबे समय से इस बात पर चर्चा हो रही है कि, क्या हम अलग-अलग लोगों से कप्तानी करा सकते हैं। यह सही कार्यभार प्रबंधन है। जो किया गया है, और यही कारण है कि आप इतनी बड़ी टीमें के अलग-अलग कप्तान देख रहे हैं।”
पठान ने बताया कि, विभिन्न प्रारूपों के लिए अलग-अलग कप्तान रखने का चलन भविष्य में और अधिक प्रचलित हो सकता है। उन्होंने संभावित परिदृश्य पर चर्चा कि, जहां विभिन्न प्रारूपों के लिए अलग-अलग कोच भी नियुक्त किए जा सकते हैं।इरफान पठान ने आगे कहा कि,”यह स्पष्ट है कि,रोहित शर्मा को सफेद गेंद वाले क्रिकेट से ब्रेक लेना पड़ा, इसलिए आप उन्हें वहां नहीं देख रहे हैं। आप उन्हें टेस्ट क्रिकेट के कप्तान के रूप में देख रहे हैं। हालाँकि, आप इन चीजों को आगे भी देख सकते हैं। आप यह भी देख सकते हैं,अलग-अलग प्रारूपों के लिए अलग-अलग कोच। मेरा मानना है कि,हमारी संस्कृति में ऐसा न हो तो बेहतर है।”
इरफान पठान ने आगे कहा कि,“अगर हम सफेद गेंद और लाल गेंद क्रिकेट को देखें, तो हमारे पास केवल दो या तीन खिलाड़ी हैं, जो अलग हैं, जहां आप चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे जैसे खिलाड़ियों पर विचार कर सकते हैं। हालाँकि, यदि आप इसके अलावा देखें, तो हमारे पास आम तौर पर सभी प्रारूप वाले खिलाड़ी हैं। अगर हम अपने युवाओं की बात करें तो आपको श्रेयस अय्यर और शुभमन गिल हर जगह खेलते दिख जाएंगे।तो हमारे ज्यादातर खिलाड़ी ऐसे हैं, जो सभी फॉर्मेट खेलते हैं। इसीलिए अगर आपके पास 70 से 80% खिलाड़ी हैं जो सभी प्रारूप खेलते हैं, तो बेहतर होगा कि कोच और कप्तान भी एक ही हों।”