इंडियन प्रीमियर लीग का आगाज शुक्रवार को होने जा रहा है। इसका पहला मुकाबला गुजरात टाइटंस और चेन्नई सुपर किंग्स के बीच अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम पर खेला जाएगा। जबकि फाइनल मैच 28 मई को संपन्न होना है। करीब 2 महीने तक चलने वाले इस टूर्नामेंट में भारतीय खिलाड़ियों के फिटनेस और वर्क लोड की निगरानी करने के लिए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने अपना प्लान तैयार कर लिया है।
इस बार BCCI आईपीएल के दौरान एक GPS डिवाइस की मदद से खिलाड़ियों के फिटनेस पर नजर रखने जा रही है। यह डिवाइस सभी खिलाड़ियों को प्रैक्टिस और मैच खेलने के दौरान पहनना होगा।
GPS डिवाइस की खासियत
BCCI के सूत्रों के मुताबिक,2018 से इस वर्क लोड डिवाइस पर काम चल रहा था। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने इसके इस्तेमाल को 2018 में ही हरी झंडी दे दी थी। परंतु IPL 2023 में पहली बार इसका इस्तेमाल किया जाएगा। इससे पहले विमेंस प्रीमियर लीग के दौरान प्रयोग के तौर पर इस डिवाइस का इस्तेमाल किया गया है।WPL में BCCI को इससे जुड़े सकारात्मक परिणाम प्राप्त हुए हैं।
यह GPS डिवाइस खिलाड़ियों के फिटनेस से जुड़ी करीब 500 अलग-अलग प्रकार की जानकारियां देता है।जिसमें खिलाड़ियों का एनर्जी लेवल, तय की गई दूरी, स्पीड ब्रेकडाउन के खतरे, हार्टवीट और ब्लड प्रेशर समेत अन्य छोटी-बड़ी जानकारियां शामिल है। यह जीपीएस डिवाइस यह बताने में भी सक्षम है कि, कितने वर्कलोड के बाद खिलाड़ी चोटिल हो सकता है।
इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया की टीम भी करती है यूज़
वर्कलोड पर नजर रखने के लिए इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया की क्रिकेट टीमें भी इस डिवाइस का इस्तेमाल कर रही हैं।जबकि भारत की राष्ट्रीय हाकी टीम भी इस डिवाइस का इस्तेमाल करती है। परंतु भारतीय पुरुष क्रिकेट में इसका इस्तेमाल पहली बार होने जा रहा है। टीम इंडिया को इस डिवाइस की उपयोगिता इसलिए भी अधिक है, क्योंकि बीते समय में यह देखा गया है कि भारत के कई स्टार खिलाड़ी वर्कलोड मैनेजमेंट में कमी के कारण चोटिल हो गए हैं।उनमें से जसप्रीत बुमराह, रवींद्र जडेजा और श्रेयस अय्यर समेत कई खिलाड़ियों को ICC के बड़े टूर्नामेंट भी मिस करने पड़े हैं।