किसी भी खेल में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए खिलाड़ियों का डोप टेस्ट किया जाता है। जिससे इस चीज की पड़ताल होती है कि, कोई खिलाड़ी किसी भी तरीके के मादक पदार्थ का प्रयोग कर खेल को प्रभावित तो नहीं कर रहा है? क्रिकेट भी इससे अछूता नहीं है। समय-समय पर क्रिकेट में भी खिलाड़ियों का डोप टेस्ट होता रहता है। एक RTI से इस बात का खुलासा हुआ है कि पिछले 2 सालों में कुल 114 भारतीय क्रिकेटरों का डोप टेस्ट हुआ है। जिसमें सबसे अधिक बार भारतीय टीम के कप्तान रोहित शर्मा ने डोपिंग टेस्ट कराया है। जहां रोहित शर्मा ने 6 बार डोप टेस्ट कराया है वहीं विराट कोहली, हार्दिक पांड्या जैसे कुछ क्रिकेटर एक भी बार डोप टेस्ट नहीं कराए हैं।
एंटी डोपिंग एजेंसी खिलाड़ियों का डोप टेस्ट कराती है। साल 2019 में BCCI भी NADA के अंतर्गत आया है। जिसकी साल 2021- 22 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, क्रिकेट समेत विभिन्न खेलों के करीब 6000 खिलाड़ियों ने डोप टेस्ट कराया है।
RTI के हवाले से इंडियन एक्सप्रेस ने एक रिपोर्ट में यह बताया है कि, 2021-22 में कुल 5962 खिलाड़ियों का डोप टेस्ट हुआ। जिसमें विराट कोहली, हार्दिक पांड्या मोहम्मद शमी समेत BCCI कांट्रैक्ट के अंदर आने वाले 12 खिलाड़ियों का नाम सामने नहीं आया है। वहीं टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा के साथ स्टार बल्लेबाज सूर्य कुमार यादव, ऋषभ पंत, चेतेश्वर पुजारा समेत 7 क्रिकेटर का एक बार डोप टेस्ट हुआ है।
डोप टेस्ट न कराने वालों की फेहरिस्त काफी लंबी है। जिसमें विराट कोहली, हार्दिक पांड्या, मोहम्मद शमी मोहम्मद सिराज, उमेश यादव, शार्दुल ठाकुर, अर्शदीप सिंह, श्रेयस अय्यर, दीपक हुड्डा, संजू सैमसन, श्रीकर भरत, वाशिंगटन सुंदर का नाम शामिल है। हैरान करने वाली बात यह है कि यह सभी क्रिकेटर BCCI के एनुअल कांट्रैक्ट के अंतर्गत आते हैं। परंतु फिर भी इनका डोप टेस्ट नहीं हुआ है।
इसके अलावा महिला क्रिकेट टीम की बात करें तो साल 2021-22 के दौरान लगभग हर खिलाड़ी का कम से कम एक बार डोप टेस्ट हुआ है। भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर और विस्फोटक बल्लेबाज स्मृति मंधाना ने तो तीन-तीन बार डोप टेस्ट कराया है।