भारतीय क्रिकेट टीम पिछले 10 वर्षों से कोई भी ICC टूर्नामेंट नहीं जीत सकी है। टीम इंडिया ने साल 2011 में महेंद्र सिंह धोनी की अगुवाई में वनडे वर्ल्ड कप तथा साल 2013 में चैंपियंस ट्रॉफी पर कब्जा जमाया था। उसके बाद से भारतीय टीम पर ICC टूर्नामेंट का सूखा पड़ा है। ऐसा होने के पीछे की वजह कई क्रिकेट पंडित यह मानते हैं कि BCCI भारतीय खिलाड़ियों को दुनियाभर में होने वाले विभिन्न लीग्स में खेलने का मौका नहीं देती है। जबकि दुनियाभर के अन्य खिलाड़ी लीग्स में हिस्सा लेते हैं, जिसके चलते क्रिकेटर मेजबान न होने के बावजूद उस जगह की परिस्थितियों से अच्छे ढंग से वाकिफ रहते हैं। जिसके चलते उन्हें फायदा मिलता है।
आज एक बार फिर टीम इंडिया को जब वेस्टइंडीज के खिलाफ लगातार दो टी-20 मुकाबलों में हार का सामना करना पड़ा है।तब यह चर्चा गर्म हो गई है। टीम इंडिया के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज रॉबिन उथप्पा ने भारतीय खिलाड़ियों को T20 लीग्स में हिस्सा लेने देने की वकालत की है। उनका मानना है कि यदि अन्य देशों की तरह भारतीय खिलाड़ी ने टी-20 लीग्स में हिस्सा लेंगे तो ICC टूर्नामेंट जीतने में यह उनके लिए मददगार साबित होगा।
रॉबिन उथप्पा का बयान
वेस्टइंडीज के खिलाफ दूसरे मुकाबले में मिली हार के बाद रॉबिन उथप्पा ने कहा कि,”ठीक है, हाँ, मुझे निश्चित रूप से लगता है कि IPL में खेलना चाहिए, परन्तु मुझे लगता है कि यह एक चाल है जिसमें भारत चूक जाता है, खासकर ICC टूर्नामेंट में, क्योंकि हम दुनिया के किसी भी अन्य हिस्से में कोई अन्य लीग नहीं खेलते हैं।और मुझे लगता है कि हाँ, यह एक तरीके से IPL की रक्षा करने के लिए अच्छा है, लेकिन मुझे लगता है कि ICC लेवल पर इसकी हमें कीमत चुकानी पड़ती है। मुझे लगता है कि ये वे फायदे हैं जो प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को हमारे भारतीय गेंदबाजों के खिलाफ मिलते हैं, जब वे उनके खिलाफ द्विपक्षीय मैच खेलते हैं या ICC टूर्नामेंट में उनके खिलाफ खेलते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि,“उन्हें नेट पर और IPL में उनके खिलाफ 3,4,5,6 साल तक खेलने का इतना अनुभव मिला है। तो आप पहले से ही जानते हैं कि गेंदबाज क्या करता है, आप पहले से ही जानते हैं कि बल्लेबाज क्या करता है। तो आपके पास बहुत सारी जानकारी है।”