भारत और इंग्लैंड के बीच खेली जा रही पांच मैचो की टेस्ट श्रृंखला के दौरान अब तक चार मुकाबले खेले जा चुके हैं, यहां दूसरे टेस्ट मैच में रजत पाटीदार ने डेब्यू किया था। हालांकि अब तक ये तीन टेस्ट खेल चुके हैं, जिस बजह से ये भारतीय सेंट्रल कांट्रेक्ट की ग्रेड सी में शामिल भी हो गए। तीन टेस्ट मुकाबलों के दौरान पाटिदार ने 6 पारियां खेलीं और इनका रन स्कोर 32, 9, 5, 0, 17 व 0 रहा। इनके इस प्रदर्शन को देखते हुए द.अफ्रीका के कप्तान एबी डिविलियर्स भारतीय टीम और संस्कृति की तारीफी करते दिखाई दिए हैं।
दरअसल, पाटिदार के प्रदर्शन को देखते हुए इनके स्थान पर देवदत्त पडिक्कल को मौका देने के संकेत दिखाई देने लगे, जिसे देखते हुए डिविलियर्स ने कहा भारतीय टीम को ऐसा नहीं करना चाहिएं क्योंकि पाटिदार की मौजूदगी जब से टीम में हुई है तब से टीम को किसी मुकाबले में हार का सामना नहीं करना पड़ा, भले ही रजत अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हों फिर भी धर्मशाला टेस्ट में इन्हें ही मौका देना चाहिए।
द.अफ्रीका के पूर्व कप्तान ने भारतीय संस्कृति व क्रिकेट के महत्व की प्रशंसा करते हुए अपने यूट्यूब चैनल के माध्यम से कहा, “रजत पाटीदार की यह याद रखने लायक सीरीज नहीं है। लेकिन इस भारतीय टीम और संस्कृति के बारे में अच्छी बात यह है कि आप उस टीम में टिके रहेंगे क्योंकि वे शानदार क्रिकेट खेल रहे हैं और नतीजे उनके हिसाब से आ रहे हैं।” डिविलियर्स ने पाटिदार के भारतीय टीम में शामिल होने के महत्व को बताते हुए कहा, “अगर पाटीदार का एटीट्यूड आकर्षक है और अगर वह ड्रेसिंग रूम में एक पसंदीदा किरदार है, तो रोहित और चयन पैनल यह कहेगा टीम आगे बढ़ रही है। भले ही वह रन नहीं बना रहा हो, आगे उसे लंबा मौका दें।”
आपको बता दें, पाटीदार के इस प्रदर्शन को देखते हुए दर्शकों में कुछ खास रोचकता देखने को भले ही न मिली हो, लेकिन फिर भी भारतीय सिलेक्टरों को इनके बाहुवलों पर भरोसा है और इन्हें इसीलिए लगातार मौके दिए जा रहे हैं कि पता नहीं कब ये खिलाडी भारतीय टीम के लिए मुख्य किरदार बन जाए, क्योंकि इस खिलाड़ि के IPL व प्रथम श्रेणी के मैचों का प्रदर्शन काफी शानदार रहा है, 2022 सीजन के दौरान इन्होंने आरसीबी की तरफ से 8 प्रीमियर मैच खेले जिनमें 55.50 की औसत व 152.75 के स्ट्राइक रेट से 333 रन बनाए। मध्य प्रदेश में जन्में रजत पाटीदार अपने राज्य के लिए अंडर-19 व अंडर-22 का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं, इस दौरान इन्होंने कुल 55 फर्स्ट क्लास मैच खेले, जिसमें ये 45.97 की औसत से 4000 रन बनाने में कामयाब रहे, इन प्रथम श्रेणी के मुकाबलों में ये 12 शतक जड़ने में भी कामयाब रहे।