रविवार को भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चल रही 5 मैचों की T-20 सीरीज का दूसरा मुकाबला तिरुवनंतपुरम में खेला गया,इस मैच में भी भारत ने ऑस्ट्रेलिया को जीत के आस-पास भी भटकने नहीं दिया। इस मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया ने सिर्फ टॉस जीता और उसके अलावा कुछ भी नहीं। ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर भारत को पहले बल्लेबाजी का न्यौता दिया,जिसके बाद भारत ने T-20 फॉर्मेट का अपना सबसे बड़ा स्कोर बना दिया। भारत ने 20 ओवर में 4 विकेट के नुकसान पर 235 रन बनाए, जबकि ऑस्ट्रेलिया सिर्फ 191 रन ही बना पाई और 44 रनों से मैच हार गई।
इस मैच का प्लेयर ऑफ द मैच अवार्ड यशस्वी जायसवाल को दिया गया, जिन्होंने शुरुआत में ही ऑस्ट्रेलिया को मैच से लगभग बाहर कर दिया था। जायसवाल ने सिर्फ 25 गेंदों में 53 रनों की पारी खेली, जिसमें 9 चौके और 2 छक्के शामिल थे। इसके अलावा उन्होंने फील्डिंग में भी दो कैच पकड़े और एक कैच तो बहुत ही जबरदस्त था।
लेकिन यशस्वी जब प्लेयर ऑफ द मैच का अवॉर्ड लेने आए तो उन्होंने पहले T-20 मैच में की गई,अपनी गलती को स्वीकार किया और बताया कि उन्होंने उस गलती के बाद तुरंत ही रुतुराज गायकवाड़ को सॉरी बोला था। क्या थी वह गलती और क्यों यशस्वी ने ऋतुराज को कहा सॉरी? आइए आपको बताते हैं…
यशस्वी ने ऋतुराज को क्यों कहा सॉरी?
दरअसल विशाखापट्नम में खेले गए पहले T-20 मैच में यशस्वी जायसवाल ने एक शॉट खेला और तेजी से दो रन के लिए भागे। पहला रन पूरा करने के बाद उन्होंने पूरे भरोसे के साथ दूसरे रन के लिए रुतुराज को कॉल किया और लगभग आधे रास्ते तक पहुंच भी गए। रुतुराज ने भी उनके कॉल पर भरोसा किया और आधे पिच तक आ गए थे, लेकिन उसके बाद जायसवाल को लगा कि वो रन पूरा नहीं कर पाएंगे, इसलिए वो वापस लौट गए और स्ट्राइकर एंड पर रुतुराज के पास वापस जाने का कोई मौका ही नहीं बचा था, और वो एक भी गेंद खेले बिना ही रनआउट होकर पवेलियन लौट गए थे।
इस गलती को याद करते हुए यशस्वी जायसवाल ने कहा, “मैं अभी भी सीख रहा हूं। पिछले मैच में वो मेरी गलती थी, और मैंने रुतु भाई को सॉरी बोला था। मैंने अपनी गलती स्वीकार की। रुतु भाई बड़े अच्छे और भले इंसान हैं।”
इसके अलावा यशस्वी जायसवाल ने दूसरे मैच में खेली गई अपनी शानदार पारी के बारे में बात करते हुए कहा कि, “यह पारी मेरे लिए वाकई में काफी खास थी। मैं अपने हरएक शॉट्स को खेलने की कोशिश कर रहा था। निडर होकर खेलने की कोशिश कर रहा था। मैं अपने फैसलों को लेकर कंफर्म था। मुझे सूर्या भाई, और वीवीएस सर ने कहा कि तुम जाओ और बिल्कुल फ्री होकर खेलो। मुझे खुलकर खेलने को कहा गया है।”