वेस्टइंडीज की मेजबानी में खेले जा रहे पहले टेस्ट मैच में भारतीय टीम ने पहले दिन के खेल की समाप्ति तक मजबूत स्थिति बना ली है। विसंडर पार्क में कैरेबियाई टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया था। जिसके बाद टीम इंडिया के दिग्गज स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने ऐसा कहर बरपाया कि वेस्टइंडीज की पूरी टीम 64.3 ओवरों में महज 150 रनों पर पवेलियन लौट गई। इस दौरान आर अश्विन ने भारतीय टीम के लिए कुल 24.3 ओवर फेंके जिसमें उन्होंने 5 विकेट चटकाने का कार्य किया। पहला दिन पूरी तरीके से स्पिनरों के नाम रहा, अश्विन के अलावा रविंद्र जडेजा ने भी तीन विकेट चटकाने का कार्य किया।
दरअसल पिछले महीने खेले गए विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल मुकाबले में दुनिया के नंबर एक गेंदबाज आर अश्विन को बाहर बिठा दिया गया था। जिसके बाद टीम इंडिया को आस्ट्रेलिया के हाथों 209 रनों की शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा था। उस मुकाबले में अश्विन को न खिलाए जाने को लेकर ढेर सारे दिग्गज क्रिकेटरों ने सवाल उठाए थे। जबकि आर अश्विन खुद को बाहर किए जाने पर दुखी थे। कैरेबियाई टीम के खिलाफ पंजा लगाने के बाद पहले दिन के खेल की समाप्ति पर हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस में अश्विन ने WTC के फाइनल को लेकर अपनी राय रखी है।
खिताब न जीत पाना कष्टदायक
आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में रविचंद्रन अश्विन ने कहा कि, “आजकल इतना इंटरनेशनल क्रिकेट होता है दुनिया भर में कई लीग्स खेले जाते हैं। ऐसे में हमें वर्तमान में रहना जरूरी है मैं भी क्रिकेट से जुड़े बहुत सारे काम करता हूं। घर पर भी टीम है और उसका भी ध्यान रखना पड़ता है। मैं हमेशा से वर्तमान में रहने के बारे में सोचता हूं।WTC में जो हुआ, हम हार गए। मेरे लिए बहुत दुख की बात है कि हम WTC का फाइनल नहीं जीत पाए। यह निराशाजनक है कि हम लगातार दो बार फाइनल में पहुंचे और जीत नहीं सके। हमारे लिए एक-दो दिन का खेल खराब रहा, जिससे हमें खिताबी हार मिली। उसके बाद हमें वेस्टइंडीज के दौरे पर WTC के नए साइकिल के लिए आना था। इस सीरीज की शुरुआत करने के लिए हमने और टीम ने अच्छी योजना बनाई थी। मैं लकी रहा कि मेरे लिए स्पेल अच्छा गुजरा।”
मेरे और युवा खिलाड़ी में क्या फर्क रह जाता?
36 वर्षीय रविचंद्रन अश्विन ने आगे बताया कि, विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में प्लेइंग इलेवन में नहीं चुने जाने से वह नाराज नहीं थे। उन्होंने कहा कि यदि वह ड्रेसिंग रूम में नाराज होकर बैठ जाते तो उनमें और एक युवा खिलाड़ी में क्या फर्क रह जाता? अश्विन ने इस बात का दावा किया कि, वह मानसिक और शारीरिक रूप से WTC का फाइनल खेलने के लिए तैयार थे। परंतु वह इसके लिए भी तैयार थे कि उन्हें बाहर भी बैठना पड़ सकता है। क्योंकि उनका मानना है कि वह किसी न किसी रूप में अपनी टीम के लिए योगदान दे सकें। परंतु भारतीय टीम इस मुकाबले को नहीं जीत सकी, जिसको लेकर उन्हें दुख है।