वर्ल्ड कप 2023 के उद्घाटन मुकाबले में न्यूजीलैंड ने गत चैंपियन इंग्लैंड को बुरी तरीके से पीटा है। ओपनिंग मैच में इंग्लैंड ने पहले बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित 50 ओवरों में 9 विकेट के नुकसान पर 282 रन बनाए थे। इस दौरान 86 गेंद पर 77 रन बनाकर जो रूट इंग्लैंड के लिए सर्वश्रेष्ठ स्कोर थे। इंग्लैंड द्वारा दिए गए 283 रनों के लक्ष्य के जवाब में डेवोन कॉन्वे और रचिन रविंद्र ने शानदार शतकीय पारी खेली।इस दौरान जहां डेवोन कॉन्वे ने 121 गेंदों पर 19 चौके और 3 छक्के की मदद से 152 रन बनाए। वही रचिन रविंद्र ने 96 गेंद पर 123 रनों की विस्फोटक पारी खेली। जिसके बदौलत कीवी टीम ने इस मुकाबले को महज 36.2 ओवरों में जीत लिया। न्यूजीलैंड की इस जीत के बाद भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज आकाश चोपड़ा की प्रतिक्रिया सामने आई है।
आकाश चोपड़ा का मानना है कि, न्यूजीलैंड ने इंग्लैंड को उद्घाटन मैच में हराकर 2019 वनडे वर्ल्ड कप के फाइनल में मिली हार का बदला ले लिया है। दरअसल वनडे वर्ल्ड कप 2019 के फाइनल मुकाबले में इंग्लैंड और न्यूजीलैंड की भिड़ंत हुई थी। कांटे की टक्कर वाले उस मुकाबले में पहले 50 ओवर का मैच, उसके बाद सुपर ओवर भी टाई हो गया था। इसके बाद बाउंड्री काउंट करके इंग्लैंड को विश्व विजेता घोषित कर दिया गया था।
आकाश चोपड़ा ने उस पल को याद करते हुए कहा कि,“मैच देखने के दौरान ऐसा लग रहा था जैसे न्यूजीलैंड ने 2019 वर्ल्ड कप फाइनल की हार का बदला ले लिया है। मेरा मतलब है, वे पूरी तरह से इंग्लैंड पर हावी हो गए। इंग्लैंड ने सबके फेवरेट में से एक के रूप में शुरुआत की, लेकिन न्यूजीलैंड ने उन्हें एक साधारण टीम बना दिया।”
इसके अलावा आकाश चोपड़ा ने न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम के मध्य क्रम बल्लेबाज रचिन रविंद्र की भी जमकर तारीफ की है। उन्होंने कहा कि,“कीवी टीम को कोई भी रेटिंग नहीं देता है। दो वर्ल्ड कप सीजन के बीच शायद ही कोई बड़ी टीम उनके खिलाफ बड़ी सीरीज खेलती है, लेकिन वे फिर भी जीत हासिल करते हैं। लेकिन वह(रचिन रविंद्र) बिल्कुल सनसनीखेज था। वह परिपक्वता के साथ खेला, वह अपनी आंखों के नीचे, अपने शरीर के करीब खेला,जो बिल्कुल शानदार था।”
बताते चलें कि, न्यूजीलैंड की टीम वनडे वर्ल्ड कप 2015 और 2019 की फाइनललिस्ट रही थी। दुर्भाग्य से उसे दोनों मर्तबा फाइनल मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा है। इसके अलावा न्यूजीलैंड अधिकतर ICC इवेंट में सेमीफाइनल तक का सफर तय करती है। परन्तु इसके बावजूद जब किसी टूर्नामेंट के प्रबल दावेदारों की बात की जाती है, तो गिने-चुने क्रिकेटर ही उसका नाम लेते हैं।