जुलाई महीने में होने वाले वेस्टइंडीज दौरे के लिए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने टेस्ट और वनडे टीम का ऐलान कर दिया है। दो मैचों की टेस्ट सीरीज के लिए चुनी गई भारतीय स्क्वायड में जो सबसे चौंकाने वाली चीज देखने को मिली। वह यह है कि टेस्ट क्रिकेट की दीवार कहे जाने वाले चेतेश्वर पुजारा को भारतीय टीम से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। 35 वर्षीय चेतेश्वर पुजारा को भारतीय स्क्वाड से बाहर करने पर कई दिग्गज भड़क उठे हैं। उनमें एक बड़ा नाम सुनील गावस्कर का भी है। जिन्होंने BCCI के थिंकटैंक की जमकर आलोचना की है। सुनील गावस्कर ने अभी हाल ही में खेले गए ICC विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल मुकाबले में चेतेश्वर पुजारा के खराब प्रदर्शन का हवाला देते हुए कहा कि फाइनल मैच में बल्लेबाजों की असफलता के लिए चेतेश्वर पुजारा को बलि का बकरा बनाया जा रहा है।
गावस्कर का बयान
सुनील गावस्कर ने इंडिया टुडे से बातचीत में कहा कि, “स्पष्ट रूप से कहना चाहूंगा कि केवल एक व्यक्ति को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। जबकि कई अन्य खिलाड़ी भी असफल रहे थे। भारत की पूरी बल्लेबाजी विफल रही थी। अजिंक्य रहाणे के अलावा किसी और बल्लेबाज ने वास्तव में रन नहीं बनाया।फिर हमारी बल्लेबाजी की विफलताओं का बलि का बकरा सिर्फ उसे ही क्यों बनाया जा रहा है। हां उसके पास किसी भी मंच पर लाखों समर्थक नहीं है जो शोर मचाएंगे।”
टीम में रखने का क्या मानक है?
सुनील गावस्कर ने बातचीत में आगे BCCI के मानक पर सवाल उठाते हुए कहा कि,”चेतेश्वर पुजारा को बाहर करना समझ के परे है। उन्हें टीम में रखने का क्या मापदंड है। वह काउंटी क्रिकेट खेल रहा है। उसने बहुत सारी रेड बॉल क्रिकेट खेली है। इसलिए वह जानते हैं कि यह क्या है। लोग 39, 40 साल की उम्र तक खेलते हैं। इसमें कुछ भी गलत नहीं है। वे सभी काफी फिट हैं। जब कोई भी बल्लेबाज रन बना रहा है, और गेंदबाज विकेट ले रहा है। तो मुझे नहीं लगता कि उम्र कोई मानक होना चाहिए।”
वेस्टइंडीज दौरे के लिए भारतीय टेस्ट स्क्वॉड
रोहित शर्मा (कप्तान), शुभमन गिल, रुतुराज गायकवाड़, विराट कोहली, यशस्वी जायसवाल, अजिंक्य रहाणे (उपकप्तान), केएस भरत (विकेटकीपर), ईशान किशन (विकेटकीपर), आर अश्विन, रवींद्र जड़ेजा, शार्दुल ठाकुर, अक्षर पटेल,मो. सिराज, मुकेश कुमार, जयदेव उनादकट, नवदीप सैनी।