भारतीय क्रिकेट टीम के दिग्गज गेंदबाज जहीर खान आज 45 वर्ष के हो गए हैं। जहीर खान ने करीब 14 सालों तक भारत के लिए दुनिया भर के बल्लेबाजों राज किया है। इस दौरान उन्होंने क्रिकेट के तीनों प्रारूपों में कुल 610 विकेट चटकाए हैं। जहीर खान को क्रिकेट में नकल बॉल का आविष्कारक माना जाता है। परंतु क्या आपको पता है, वनडे वर्ल्ड कप 2011 में तहलका मचाने वाले जहीर खान कभी क्रिकेटर नहीं बनना चाहते थे? जी हां सही पढ़ा आपने। जहीर खान इंजीनियर बनना चाहते थे परंतु उनकी किस्मत में कुछ और ही लिखा था।
1978 में महाराष्ट्र के अहमदनगर में जन्मे और श्रीरामपुर के रहने वाले जहीर खान बचपन में पढ़ लिखकर इंजीनियर बनने का सपना देख रहे थे। परंतु उनके पिता को क्रिकेट में खास दिलचस्पी थी। उन्होंने बेटे जहीर से कहा कि, बेटा देश में इंजीनियर तो बहुत है, परंतु भारतीय टीम को तेज गेंदबाज की कमी खल रही है, मैं चाहता हूं कि तुम तेज गेंदबाज बनकर देश के लिए खेलो। इसके बाद जहीर खान के पिता 17 साल की उम्र में उन्हें मुंबई लेकर चले गए। जहां जहीर खान ने जिमखाना के खिलाफ फाइनल मैच में 7 विकेट चटकाकर सनसनी मचा दी।
उसे मैच के बाद जहीर खान के क्रिकेट करियर की दमदार शुरुआत हुई और उन्हें मुंबई और बेस्ट जोन की अंदर-19 टीम में शामिल कर लिया गया। फिर जहीर खान ने MRF पेस अकादमी में जमकर पसीना बहाया। जिसके चलते साल 2000 में उन्हें टीम इंडिया के लिए डेब्यू करने का मौका मिला। 2014 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहने से पहले जहीर खान ने भारतीय क्रिकेट टीम के लिए 92 टेस्ट,200 वनडे और 17 T20 मुकाबले खेले।
जहीर खान ने टेस्ट क्रिकेट में 311,वनडे क्रिकेट में 282 तथा T20 में 17 विकेट चटकाए। 309 इंटरनेशनल मुकाबले में उनके नाम कुल 610 विकेट दर्ज है। उनकी गिनती भारत के सफलतम तेज गेंदबाजों में की जाती है।
जहीर खान भारत के लिए वर्ल्ड कप में सर्वाधिक विकेट चटकाने वाले गेंदबाज हैं। साल 2003 में सौरव गांगुली की अगुवाई में टीम इंडिया जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए वर्ल्ड कप के फाइनल तक पहुंची थी। उस दौरान जहीर खान ने 18 विकेट लेकर महत्वपूर्ण रोल प्ले किया था। इसके अलावा उन्होंने साल 2011 में टीम इंडिया के लिए 21 विकेट चटकाए थे। जो उस टूर्नामेंट में सर्वाधिक था। जिसके चलते भारतीय टीम 28 साल बाद वर्ल्ड चैंपियन बनी थी। जहीर खान ने 23 वर्ल्ड कप मुकाबले में 20.22 की औसत से 44 विकेट चटकाए हैं।