घरेलु मुकाबलों के महत्व को बढ़ावा देने के लिए भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने जब से नियमों को मजबूत करना शुरू किया है तभी से रणजी क्रिकेट की लोकप्रीयता बढ़ती हुई नजर आ रही है। दरअसल, डोमेस्टिक गेम की बढ़ती फैन फोल्लोविंग देखकर क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर से भी नहीं रुका गया और उन्होंने भी इस लोकप्रियता में भागीदारी करते हुए भारतीय क्रिकेट जगत के खिलाड़ियों को ट्वीट के माध्यम से बड़ा संदेश देने का काम किया है।
तेंदुलकर को घरेलु क्रिकेट से खिलाड़ियों की प्रतीभा पहचानने का मौका मिलता था
तेदुलकर ने आगे घरेलु मुकालों का महत्व बताते हुए कह, “जब भारत के खिलाड़ी अपनी टीमों के लिए खेलते हैं, तो इससे युवाओं के लिए खेल की क्वालिटी बढ़ती है और कभी-कभी नई प्रतिभा की पहचान होती है। यह राष्ट्रीय खिलाड़ियों को कभी-कभी बुनियादी बातों को फिर से खोजने का मौका भी देता है। घरेलू टूर्नामेंटो में शीर्ष स्तर के खिलाड़ियों के भाग लेने से, समय के साथ-साथ प्रशंसक भी अपनी घरेलू टीमों को और अधिक फॉलो करना और समर्थन करना शुरू कर देंगे। यह देखना अद्भुत है कि बीसीसीआई घरेलू क्रिकेट को समान प्राथमिकता दे रहा है।”
तेंदुलकर घरेलु क्रिकेट खेलने को हमेशा रहते थे उत्सुक
सचिन तेंदुलकर ने एक्स ट्वीट के माध्यम से संदेश में लिखा, “रणजी ट्रॉफी सेमीफाइनल दिलचस्प रहे। मुंबई का इसके फाइनल में पहुंचना शानदार बल्लेबाजी की मदद से हुआ, जबकि दूसरा सेमीफाइनल अंतिम दिन तक उधर में लटका हुआ है। मध्य प्रदेश को जीत के लिए 90 से ज्याद रन चाहिएं, जबकि विधर्भ को 4 विकेट चाहिए। अपने पूरे करियर के दौरान जब भी मौका मिला, मैं मुबई के लिए खेलने को लेकर जुनूनी रहा। बडे हुए तो हमारे ड्रेसिंग रूम में लगभग 7-8 भारतीय खिलाड़ी थे और उनके साथ खेलना मजेदार था।”