भारतीय क्रिकेट टीम के सबसे महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने 74 वें गणतंत्र दिवस के मौके पर खिलाड़ियों, अभिभावकों और उनके प्रशंसकों को रिपब्लिक डे की शुभकामनाएं देते हुए खेल भावना को जगाने वाला भावात्मक संदेश दिया है। सचिन तेंदुलकर का मानना है कि खेल कभी न हार मानने की भावना को सिखाता है। उन्होंने कहा कि, खेल हमारे देश का एक अभिन्न हिस्सा रहा है। भारत ने न जाने कितने खेलों को जन्म दिया है। यहां तक की हर चाल में गेम को बदलने का माद्दा रखने वाला शतरंज भारत में ही उपजा और अब इस खेल में कई भारतीय खिलाड़ी दुनिया भर में नाम कमा रहे हैं। इसके अलावा अन्य देशों द्वारा बनाए गए खेलों में भी भारत बेहतर प्रदर्शन कर रहा है।
कई खेलों में विश्व विजेता बना भारत
सचिन तेंदुलकर ने कहा कि क्रिकेट, हॉकी, कबड्डी सेलिंग, बैडमिंटन, बिलियर्ड्स में भारतीय टीम ने विश्व विजेता बनने का गौरव हासिल किया है।यही कारण है कि जब हमारे घरों के बच्चे बाहर निकल कर गलियों में अपने दोस्तों के साथ खेलते हैं। तो उनके अभिभावक घर से ही अपने बच्चों को खेलते हुए देखते हैं और उनका उत्साहवर्धन करते हैं। इस प्रक्रिया में उनके लिए हार और जीत मायने नहीं रखती। अगर बच्चा जीत जाता है तो अभिभावक उसके साथ जश्न में शामिल होते हैं अगर वह हारता है तो वे बच्चे को सांत्वना देते हैं। अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों में भी हार न मानने की भावना रहती है। कोई खिलाड़ी कितनी बार जीत दर्ज करता है, उससे उसकी सफलता को मापते हैं परंतु उनके जीवन में हार की भी एक अहम भूमिका होती है। खेल ही दृढ़ता और दृढ़ संकल्प सिखाता है।
तेंदुलकर ने किया आवाहन
सचिन ने कहा कि पिछले वर्ष हम सब ने देखा कि, रूपा रानी, पिंकी, नयनमोनी और लवली चौबे ने लॉन बॉल्स में भारतीयों की दिलचस्पी पैदा कर दी। यहां तक की इस टीम ने कॉमनवेल्थ में भारत के लिए लॉन बॉल्स में पहला गोल्ड मेडल भी जीता। ऐसे में समाज को केवल जीतने वालों को तवज्जो देने की जरूरत नहीं है। जीतने के लिए की गई कोशिश पर भी लोगों की सराहना मिलनी चाहिए। हर गणतंत्र दिवस पर हम अपने संविधान और इसके द्वारा दिए गए अधिकारों के सम्मान के लिए इकट्ठा होते हैं। आइए एक बार फिर हम सब मिलकर वर्षों की इस यात्रा का जश्न मनाए।