भारतीय क्रिकेट टीम के बैटिंग ऑलराउंडर मनोज तिवारी ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया है। उन्होंने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट के जरिए एक लंबा चौड़ा संदेश शेयर कर अपने संन्यास के बारे में जानकारी दी। मनोज तिवारी ने साल 2008 में महेंद्र सिंह धोनी के नेतृत्व में अपना पहला इंटरनेशनल मुकाबला खेला था। उसके बाद से उन्होंने टीम इंडिया के लिए 12 वनडे और तीन टी-20 मैच खेले। दाएं हाथ के बल्लेबाज ने भारतीय टीम के लिए वनडे क्रिकेट में एक शतक और एक अर्धशतक के साथ 287 रन बनाए थे। इसके अलावा बतौर लेग स्पिनर 5 विकेट भी चटकाए थे। जबकि T20 में वह महज 15 रन ही बना सके थे।
सोशल मीडिया पर लिखा रिटायरमेंट संदेश
टीम इंडिया के सर्वश्रेष्ठ कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की अगुवाई में डेब्यू करने वाले मनोज तिवारी ने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम पर लिखा कि,’क्रिकेट का खेल’ इस खेल ने मुझे सब कुछ दिया है, मेरा मतलब है कि हर एक चीज़ जिसके बारे में मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था, उस समय से लेकर जब मेरे जीवन को विभिन्न प्रकार की कठिनाइयों से चुनौती मिली थी। मैं इस खेल और भगवान का हमेशा आभारी रहूंगा, जो हमेशा मेरे पक्ष में रहे। इस अवसर पर मैं उन लोगों के प्रति अपनी हार्दिक कृतज्ञता व्यक्त करता हूं जिन्होंने मेरी क्रिकेट यात्रा में भूमिका निभाई है। मेरे बचपन से लेकर पिछले साल तक मेरे सभी कोचों को धन्यवाद, जिन्होंने मेरी क्रिकेट उपलब्धियों में भूमिका निभाई है।
कोच का जताया आभार
मनोज तिवारी ने आगे लिखा कि,मेरे पिता तुल्य कोच मानवेंद्र घोष क्रिकेट यात्रा में स्तंभ रहे हैं। अगर वह नहीं होते तो मैं क्रिकेट जगत में कहीं नहीं पहुंच पाता।’ धन्यवाद सर और आपके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं, क्योंकि आपका स्वास्थ्य ठीक नहीं चल रहा है। मेरे पिताजी और माँ को धन्यवाद, उन्होंने कभी मुझ पर पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने का दबाव नहीं डाला बल्कि उन्होंने मुझे क्रिकेट में बने रहने के लिए प्रोत्साहित किया। मेरी पत्नी सुष्मिता को बहुत-बहुत धन्यवाद, जो मेरे जीवन में आने के बाद से हमेशा मेरे साथ रही हैं। उनके निरंतर समर्थन के बिना, मैं जीवन में उस मुकाम तक नहीं पहुंच पाता जहां मैं आज हूं।
प्रशंसकों को बोला थैंक्स
अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में मनोज तिवारी ने प्रशंसकों का भी धन्यवाद किया है उन्होंने लिखा कि,मेरे सभी साथियों, पूर्व और वर्तमान, और बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन और एसोसिएशन के सभी सदस्यों को, जिन्होंने मेरी यात्रा में भूमिका निभाई है। और मैं उन क्रिकेट प्रशंसकों का जिक्र कैसे नहीं कर सकता, जिन्होंने मेरे उतार-चढ़ाव के दौरान मेरी कामना की और मुझे आज की दुनिया में एक क्रिकेट हस्ती बनाया। मेरे दिल की गहराइयों से बहुत-बहुत धन्यवाद। इतना ही
यदि मुझसे कोई छूट गया हो जिसका उल्लेख मैं यहाँ करने से चूक गया हूँ तो कृपया मेरी क्षमायाचना स्वीकार करें। जीवन के उद्देश्य की तलाश में,धन्यवाद क्रिकेट!