IPL 2022 और 2023 में कमाल का प्रदर्शन और कप्तानी करने के बाद पिछले दिनों ओपन ट्रेड के जरिए हैरतअंगेज ढंग से हार्दिक पांडया की उनकी पुरानी फ्रेंचाइजी मुंबई इंडियंस में वापसी हो गई है। हार्दिक पांडया ने बतौर कप्तान गुजरात टाइंटस को पिछले दो सीजन में फाइनल तक पहुचाया था। फ्रेंचाइजी के पहले सीजन में उन्होंने अपनी टीम को ट्रॉफी भी दिलाई,दूसरे सीजन में उनकी टीम फाइनल में आकर चेन्नई सुपर किंग्स से हार गई। लगातार दो सीजन कमाल का प्रदर्शन करने के बावजूद इस तरीके से हार्दिक पांडया की घर वापसी क्रिकेट फैंस के गले से नही उतर रहा है।
बताया जा रहा है कि, हार्दिक पांडया अपनी निर्धारित सैलरी 15 करोड़ लेकर मुंबई में वापस आए हैं। परन्तु पर्दे के पीछे का सच कुछ और भी हो सकता है? मीडिया रिपोर्ट्स में यह कहा जा रहा है कि,हार्दिक को उनकी निर्धारित सैलरी के ऊपर भी कुछ पैसे मिले हैं,परन्तु वह राशि कितनी है? इसकी जानकारी सार्वजनिक नही है। मुंबई इंडियंस और गुजरात टाइटंस के बीच हुई यह ट्रेड इस समय सुर्खियों में है। हार्दिक पांडया को लेकर दोनों फ्रेंचाइजियों के बीच हुआ यह ट्रेड कोलकाता नाइट राइडर्स के पूर्व टीम डायरेक्टर जॉय भट्टाचार्य को बिल्कुल भी पसंद नही आया है। उन्होंने इस प्रकरण को लेकर बड़ा बयान दिया है।
जॉय भट्टाचार्य ने Oaktree Sports स्पोर्ट्स नामक एक यूट्यूब चैनल पर बातचीत में कहा कि, “मुझे नहीं लगता कि यह टूर्नामेंट के लिए बहुत सही आईडिया है,क्योंकि ऐसा ही कुछ साल 2010 में भी हुआ था। रवींद्र जडेजा उस सीजन में नहीं खेल पाए थे,क्योंकि उन्हें दूसरी टीम से खेलना था। लेकिन राजस्थान फ्रेंचाइजी ने उन्हें साइन कर लिया था। तब जडेजा ने कहा था कि, उन्हें राजस्थान रॉयल्स की ओर से नहीं खेलना है और इसी वजह से वो एक साल के लिए बैन हो गए थे, क्योंकि आप सिस्टम को ब्रेक नहीं कर सकते हैं।“
जॉय भट्टाचार्य ने आगे कहा कि, “अगर खिलाड़ी तुरंत यह कहे कि आप मुझे खिलाड़ियों की नीलामी से लें और मैं आपके लिए नहीं खेलना चाहता हूं तो यह ट्रेंड बन जाएगा जो बिल्कुल भी अच्छा नहीं होगा। 2023 में आप बड़े खिलाड़ियों के साथ ऐसा होने देंगे। सच्चाई यही है कि एक बार अगर यह शुरू हो गया तो खिलाड़ी अपनी मर्जी चलाने लगेंगे और फ्रेंचाइजी को उन्हें हटाना होगा। यह लीग के लिए बिल्कुल भी अच्छा नहीं है। मैं इसके हित में बिल्कुल भी नहीं हूं। हमें बदलाव करने की बेहद जरूरत है।“
बताते चलें कि,हार्दिक पांडया की ट्रेड को लेकर पिछले दिनों आर अश्विन का बयान भी सामने आया था। जिसमें उन्होंने कहा था कि, ”मैं आपको व्यापार समझौते के बारे में बताऊंगा, क्योंकि मैं खुद भी इसमें शामिल रहा हूं। एक खिलाड़ी को हस्तांतरित की गई राशि का 10% से 50% तक प्राप्त हो सकता है।” फिलहाल पीछे का खेल जो भी हो,परन्तु सामने के खेल के लिए यह सचमुच अच्छा नही है।