भारत और इंग्लैंड के बीच चल रही पांच मैचों की टेस्ट श्रंखला के दूसरे व तीसरे मुकाबले में 106 व 434 रनों से टीम इंडिया ने अंग्रेजो की बैजबॉल प्रणाली को इस कदर खदेड़कर रख दिया, जिसके चलते अंग्रेजों को भारी हताशा का सामना करना पड़ा। यहां अंग्रेजी टीम की निराशा को कम करने के लिए ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान इयान चौपल आगे आए और उनका मार्गदर्शन करते हुए दिखाई दिए। इस दौरान इंग्लैंड टीम के सबसे कर्मठ खिलाड़ी जो रूट को चौपल ने सलाह दी कि वह अपनी बैजबॉल नीति को त्यागकर स्वाभाविक खेल खेलने पर ध्यान केन्द्रित करेगें तब उनका कुछ भला हो सकता है।
दरअसल, यहां देखा जाए तो जो रूट अपनी अंग्रेजी टीम के लिए टेस्ट मैच खेलते हुए 11 हजार से अधिक रन बना चुके हैं, जबकि अब भारत की मेजबानी में चल रही पांच मैचों की टेस्ट श्रृंखला के दौरान जो रूट काफी जूझकर भी रन नहीं बना पा रहे, आखिरकार भारतीय गेंदबाजों के सामने बैजबॉल प्रणाली को हताशा का ही सामना करना पड़ रहा है, जिस पर पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान ने वाइड वर्ल्ड ऑफ स्पोर्ट्स से बातचीत के दौरान अंग्रेजी टीम का मार्गदर्शन किया और वास्तविक खेल खेलने पर जोर देते हुए कहा, “रूट का सामान्य रूप से खेलने का रिकॉर्ड बहुत अच्छा था और वह सामान्य रूप से खेलने वाले तेज स्कोरर थे। मुझे समझ नहीं आता कि वह चीजों को इतना अधिक बदलने की कोशिश क्यों कर रहे हैं और मैंने कभी नहीं माना कि आपको पूर्व नियोजित शॉट खेलने चाहिए।”
हालांकि, अग्रेजी टीम को बैजबॉल प्रणाली त्यागने की सलाह देने वाले चौपल पहले व्यक्ति नही हैं, इनसे पहले भी खुद अंग्रेजी टीम के पूर्व कप्तान माइकल बॉन व एलिस्टर कुक भी अपनी टीम को ऐसी रोचक सलाह देने में भागीदारी कर चुके हैं। वहीं अगर देखा जाए तो चौपल ने ‘बैजबॉल’ को ‘बुलिश’ प्रणाली का करार देते हुए, जो रूट को बुमराह की गेंद पर फालतू शॉट न खेलते हुए, चौकन्ना रहकर रन बनाने की सलाह दी है। क्योंकि बुमराह रूट को 9 बार अपनी गेंद का शिकार बना चुके हैं।