भारतीय दृष्टिकोण से वनडे वर्ल्ड कप 2023 का समापन सुखद नहीं रहा है। टीम इंडिया को फाइनल मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया के हाथों 6 विकेट से हार का सामना करना पड़ा है। जिसके चलते भारत का तीसरी बार वर्ल्ड कप जीतने का सपना भी चकनाचूर हो गया है। वहीं दूसरी तरफ ऑस्ट्रेलियाई टीम ने छठी बार ट्रॉफी पर कब्जा जमाया है। भले ही भारतीय टीम अंत समय में आकर ट्रॉफी उठाने से चूक गई हो, परंतु पूरे टूर्नामेंट के दौरान भारत की फील्डिंग, बैटिंग और बॉलिंग काबिले तारीफ रही है। इन सब के पीछे जो व्यक्ति सबसे बड़ा ढाल बनकर खड़ा था, उस शख्स का नाम राहुल द्रविड़ है।
भारतीय कोच राहुल द्रविड़ ने टीम इंडिया को मजबूत बनाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ था। पर्दे के पीछे उनके ही मेहनत का नतीजा है कि, भारतीय टीम ने बिना कोई मुकाबला हारे फाइनल तक का सफर तय किया। हालांकि द्रविड़ के अभिमन्यु चक्रव्यूह का आखिरी द्वार नहीं तोड़ सके। वर्ल्ड कप की समाप्ति के बाद इस बात की चर्चा जोरों पर है कि, आखिर राहुल द्रविड़ इससे आगे भी टीम इंडिया के कोच बने रहेंगे या फिर किसी नए चेहरे को इसकी जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। इस सवाल का जवाब खुद राहुल द्रविड़ ने दे दिया है।
राहुल द्रविड़ का बयान
फाइनल हारने के बाद कोचिंग पद को लेकर राहुल द्रविड़ से जब सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि, “मैंने इसके बारे में नहीं सोचा है। मैं अभी एक मैच खेलकर आया हूं। मेरे पास इस बारे में सोचने का समय नहीं है, इस पर विचार करने का भी समय नहीं है। हां, जब मुझे ऐसा करने का समय मिलेगा तो मैं ऐसा करूंगा। लेकिन इस समय मेरा पूरा ध्यान वर्ल्ड कप अभियान पर था। मेरा ध्यान इस विश्व कप पर था, मेरे दिमाग में इसके अलावा कुछ नहीं था। भविष्य में क्या होगा? इसके बारे में मैंने कोई विचार नहीं किया है।”
खिलाड़ियों में निराशा: द्रविड़
वहीं फाइनल मुकाबले का नतीजा आने के बाद भारतीय टीम के ड्रेसिंग रूम के माहौल को लेकर बात करते हुए राहुल द्रविड़ ने खुलासा किया है कि,“खिलाड़ी निराश हैं। ड्रेसिंग रूम में काफी भावनाएं थीं। एक कोच के रूप में मेरे लिए ऐसा देखना कष्टदायक है। उनके साथ इतना समय बिताने के बाद, मैं उन्हें व्यक्तिगत रूप से जानता हूं। ये मुश्किल समय है। मुझे यकीन है कि कल सुबह सूरज निकलेगा और हम आगे बढ़ेंगे। एक खिलाड़ी के रूप में हम यही करते हैं। इस तरह के मैच आपको ऊंचाइयों पर पहुंचने में मदद करेंगे।”
मैच का हाल
आपको बता दें, फाइनल मुकाबले में भारत की बल्लेबाजी उम्मीद के मुताबिक नहीं रही। पहले बल्लेबाजी करते हुए टीम इंडिया को 81 रनों पर तीन झटके लग गए थे। जिससे वह उबर नहीं सकी। विराट कोहली और केएल राहुल की अर्धशतकीय पारी के बावजूद भारतीय टीम निर्धारित 50 ओवरों में अपने सभी विकेट खोकर 240 रन ही बना सकी। जवाब में ऑस्ट्रेलिया ने 4 विकेट खोकर 7 ओवर शेष रहते ही जीत दर्ज की। इस दौरान आस्ट्रेलिया की तरफ से ट्रेविस हेड ने 120 गेंद पर 15 चौके और 4 छक्के की मदद से 137 रन बनाएं। वहीं दूसरी तरफ लाबुशेन(58 रन,110 गेंद) ने भी उनका बखूबी साथ दिया।