इंडियन प्रीमियर लीग के इतिहास में 10वीं बार फाइनल में जगह बनाने वाली चेन्नई सुपर किंग्स का इतिहास जितना स्वर्णिम रहा है। उससे कम यह टीम विवादों में भी नहीं रही है। फिक्सिंग के आरोपों के चलते 2 साल के लिए बैन लगने का मामला रहा हो या फिर बीच मैदान पर खिलाड़ियों का आपसी विवाद, सभी प्रकरणों में CSK ने अग्रणी भूमिका निभाई है। मंगलवार शाम गुजरात टाइटंस को 15 रनों से हराकर महेंद्र सिंह धोनी की अगुवाई वाली चेन्नई सुपर किंग्स ने एक बार फिर से ट्रॉफी के लिए अपना दावा ठोकने का मन बना लिया है। परंतु मंगलवार शाम खेले गए मुकाबले के दौरान चेन्नई सुपर किंग्स और कप्तान महेंद्र सिंह धोनी एक बार फिर से विवादों में आ गए।
अंपायर से धोनी ने किसकी की शिकायत
गुजरात टाइटंस की पारी के 16वें ओवर के दौरान सीएसके के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ऑनफील्ड अंपायर के साथ एक लंबी चर्चा करते हुए दिखाई दिए। दरअसल अंपायर से चर्चा करने की कोई खास वजह नहीं थी।महेंद्र सिंह धोनी चाहते थे कि श्रीलंकाई गेंदबाज मथीशा पथिराना चेन्नई सुपर किंग्स के लिए 16 ओवर फेंके। परंतु अंपायर ने उन्हें ऐसा करने की इजाजत नहीं दी। इसके पीछे की वजह यह थी कि पथिराना ओवर से पहले मैदान पर नहीं थे। पिच पर निर्धारित वक्त न बिताने की वजह से अंपायर उन्हें बॉलिंग करने की इजाजत नहीं दे रहे थे। दूसरी तरफ माही को यह मुकाबला जीतने के लिए मथीशा पथिराना से गेंदबाजी कराना आवश्यक हो गया था। इस वजह से महेंद्र सिंह धोनी ने अंपायर से अनावश्यक रूप से एक लंबी वार्ता की।
धोनी ने की बेइमानी ?
इस वार्ता के दौरान श्रीलंकाई गेंदबाज पथिराना ने फील्ड पर निर्धारित वक्त बिता लिया और वह गेंदबाजी करने योग्य हो गए। धोनी की इस हरकत का उनकी टीम को फायदा भी मिला। पथिराना ने इस दौरान 4 ओवर में 37 रन देकर दो महत्वपूर्ण विकेट भी चटकाए और अपनी टीम को जीत दिला दी। महेंद्र सिंह धोनी की इस हरकत को लेकर पर कुछ लोग उन पर बेईमानी का आरोप भी लगा रहे हैं। परंतु आपको बता दें फील्डिंग करने वाली टीम का कप्तान मैच को कुछ समय के लिए रोक भी सकता है। बशर्ते उनके ऊपर आखिरी के ओवरों में निर्धारित रूल से कम फील्डर 30 यार्ड के सर्किल के बाहर लगाने की अनुमति होगी। इसके अलावा स्लो ओवर रेट के चलते जुर्माने का भी खतरा बना रहेगा।