टीम इंडिया के सर्वश्रेष्ठ विकेटकीपर और कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने पिछले 15-20 सालों में दुनिया भर में कितना नाम कमाया है, उससे हर कोई वाकिफ है। महेंद्र सिंह धोनी से जुड़े अनेक किस्सों और कहानियों के बारे में हम सभी ने सुना है। यहां तक की उनके ऊपर धोनी द अनटोल्ड स्टोरी नामक एक फिल्म भी बनाई गई है। जिसमें उनके जीवन से जुड़े विभिन्न पहलुओं को दर्शाया गया है। परंतु इसके बावजूद कुछ किस्से और कहानियों से अभी पर्दा उठना बाकी है। क्रिकेट एक्सपर्ट सबा करीम ने हाल ही में महेंद्र सिंह धोनी से जुड़ा एक किस्सा दर्शकों के संग साझा किया है। जो बेहद दिलचस्प है। उन्होंने बताया है कि जब वह पहली बार महेंद्र सिंह धोनी से मिले थे। तभी वह महेंद्र सिंह धोनी की प्रतिभा से परिचित हो गए थे।
टैलेंट को परखा
पूर्व क्रिकेटर और जियोसिनेमा पर क्रिकेट एक्सपर्ट सबा करीम ने बताया कि, “जब मैंने पहली बार महेंद्र सिंह धोनी को देखा तो वह रणजी ट्राफी में उनका दूसरा साल था वह बिहार के लिए खेलते थे मैंने उन्हें बल्लेबाजी और विकेट कीपिंग करते हुए देखा मुझे अब भी याद है जब वह बल्लेबाजी कर रहे थे तो उनमें वह प्रतिभा थी। जिस पर सबका ध्यान बाद में गया वह स्पिनरों और तेज गेंदबाजों के खिलाफ बड़े शॉट्स खेलते हुए दिखे थे।”
सबा करीम ने आगे कहा कि, “परंतु उस दौरान महेंद्र सिंह धोनी के पास विकेटकीपिंग में जो फुटवर्क होना चाहिए उसमें थोड़ी कमी थी। हालांकि उस समय धोनी ने इस पर बहुत काम किया और इसी में धोनी की महानता है जो उन्हें सिखाया गया था वह आज भी याद है। यह एमएस धोनी के करियर का एक महत्वपूर्ण मोड़ था जहां से वह वास्तव में आगे बढ़े। महेंद्र सिंह धोनी से हमने एकदिवसीय मुकाबलों में ओपनिंग कराना शुरू किया था, क्योंकि उनकी बल्लेबाजी काफी मजबूत थी और वह तेजी से रन बनाना जानते थे।”
ये रहा टर्निंग पॉइंट
सबा करीम ने यह भी बताया कि जब महेंद्र सिंह धोनी भारत ए के लिए पहली सीरीज खेल रहे थे। तब उनका चयन किस प्रकार से टीम में हुआ था। उन्होंने आगे कहा कि, “जहां उनके बल्लेबाजी प्रदर्शन से राष्ट्रीय टीम के सिलेक्शन को आखिरकार उन्हें मौका देने के लिए राजी कर लिया। ऐसी बात जो वह सब जानते हैं। परन्तु दूसरे निर्णायक मोड़ में भारत ए, पाकिस्तान ए और केन्या ए के बीच एक त्रिकोणीय सीरीज खेली जानी थी। उस दौरान दिनेश कार्तिक के राष्ट्रीय टीम में शामिल होने के चलते एम एस धोनी को खेलने का मौका मिला। जहां महेंद्र सिंह धोनी ने बतौर विकेटकीपर और बल्लेबाज अच्छा प्रदर्शन कर अपनी तरफ सबका ध्यान आकर्षित कर लिया।”
गांगुली को राजी किया
सबा करीम ने बताया कि, “मैं उस समय कोलकाता में था और सौरव गांगुली टीम के कप्तान हुआ करते थे। मैं उनसे मिलने गया। मैंने उनसे कहा कि एक ऐसा विकेटकीपर है जिसे भारतीय टीम में आना चाहिए, वह बहुत अच्छी बल्लेबाजी कर रहा है और एक बेहतर विकल्प है। परंतु दुर्भाग्यवश पाकिस्तान दौरे से ठीक पहले सौरव गांगुली ने एम एस धोनी को खेलते हुए नहीं देखा और उन्हें उस दौरे के लिए नहीं चुना गया।”