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भाला फेंकने वाले हाथों में कैसे आ गई बॉल, Australian Star ने सुनाया खुद से जुड़ा रोचक किस्सा

स्टार क्रिकेटरों के जीवन के पुराने पन्ने को यदि आप पलटेंगे तो आपको पता चलेगा की ढेर सारे स्टार क्रिकेटर ऐसे रहे हैं।जिनकी बचपन में क्रिकेट में किसी भी प्रकार की दिलचस्पी नहीं रही थी। यह खिलाड़ी किसी और खेल में हाथ आजमा रहे थे। परंतु यू टर्न लेते हुए उन्होंने 22 गज की पिच को अपना जीवन दे दिया। उसमें प्रमुख रूप से टीम इंडिया के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज बल्लेबाज महेंद्र सिंह धोनी का नाम सामने आता है। जो शुरू में फुटबॉल खेलते थे और उसमें वह गोलकीपर थे। परंतु आगे चलकर उन्होंने क्रिकेट को अपना सब कुछ बना लिया। कुछ इसी तरीके की कहानी ऑस्ट्रेलिया के स्टार गेंदबाज जोश हेजलवुड की भी रही है।

एथलीट थे हेजलवुड

इंडियन प्रीमियर लीग के 16वें में सीजन में हिस्सा लेने के लिए चोट से जूझ रहे जोश हेजलवुड ने बताया है कि आखिर उन्होंने एथलेटिक्स को छोड़कर क्रिकेट को क्यों चुना?इससे पहले आपको बता दें जोश हेजलवुड इस सीजन में राय चैलेंजर्स बेंगलुरु का हिस्सा हैं। अप्रैल के चौथे सप्ताह तक वह अपने हील इंजरी से उबर रहे हैं। जिसके बाद वह RCB के लिए उपलब्ध हो सकते हैं।

RCB के एक पॉड कॉस्ट में जोश हेजलवुड कहा कि, “व्यक्तिगत खेल काफी मुश्किल होते हैं। मुझे पता था कि मैं उसमें लंबे समय तक उसमें नहीं बने रह सकता था। यदि आप एक टीम में खेलते हैं तो आपके लिए आपका दिन अच्छा हो या बुरा इससे अधिक फर्क नहीं पड़ता है, क्योंकि बुरे दिन पर आप अपने साथी खिलाड़ियों की सफलता का लुफ्त उठा सकते हैं।”

15-16 साल में अपना खेल चुना

आपको बता दें जोश हेजलवुड अपने स्कूल टाइम में भाला फेंक खिलाड़ी थे। उन्होंने बताया कि,”जब मैं करीब 15-16 साल का था तब मुझे लगा कि मैं किस खेल में अपना करियर बनाने का प्रयास करू।उस दौरान मैं सर्दियों में खुद को फिट रखने के लिए एथलेटिक्स से जुड़ा था। परंतु क्रिकेट मेरा पहला जुनून था।”

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