वैसे तो क्रिकेट एक बेहद सामान्य सा दिखने वाला खेल है। जहां खिलाड़ियों का चोटिल होना एक सामान्य घटना है। परंतु कई बार यह देखा गया है कि कई क्रिकेटर क्रिकेट खेलते हुए अपनी जान गंवा बैठे हैं। क्रिकेट खेलते हुए अपनी जान गंवाने वाले खिलाड़ियों की बात करें तो इस लिस्ट में फिलिप ह्यूज, जोशुआ डॉउनी, रमन लांबा, रिचर्ड ब्यूमोंट, जुल्फिकार भट्टी….. जैसे नाम शामिल हैं। जो यह दर्शाते हैं कि क्रिकेट एक रोमांचक गेम के अलावा कभी-कभी जानलेवा खेल भी बन जाता है। क्रिकेट के चलते जान गंवाने वाले खिलाड़ियों की जब बात की जाती है तो उसमें ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर फिलीप ह्यूज का नाम प्रमुखता से लिया जाता है।
25 नवंबर 2014 को दक्षिण ऑस्ट्रेलिया की ओर से खेलते हुए सिडनी में शेफील्ड मैच के दौरान ‘न्यू साउथ वेल्स’ के तेज गेंदबाज शॉन एबॉट की एक बाउंसर फिलिप ह्यूज के हेलमेट के निचले हिस्से में लगी थी। इसके बाद वह अचेत होकर गिर गए थे। फिर उन्हें अस्पताल ले जाया गया और दो दिनों के संघर्ष के बाद वह 27 नवंबर 2014 को जिंदगी की जंग हार गए। उसके बाद से क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया अपने खिलाड़ियों के सुरक्षा को लेकर सतर्क है। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने आगामी वनडे वर्ल्ड कप से पहले अपने खिलाड़ियों की सुरक्षा को लेकर एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।
क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने आगामी 1 अक्टूबर से अपने सभी घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ियों के लिए नेक गार्ड के उपयोग को अनिवार्य करते हुए एक नया नियम पेश किया है। इस नियम का पालन न करने पर सामान्य नियमों का उल्लंघन करने के चलते जिस तरीके से प्रतिबंध लगाया जाता है,उसी तरह खिलाड़ियों पर प्रतिबंध लगाया जाएगा।क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया की ओर से आदेश दिया गया है कि खिलाड़ियों को 1 अक्टूबर से नेक प्रोटेक्टर पहनना होगा।यह ऑस्ट्रेलिया में घरेलू मैचों में भाग लेने वाले या विदेशों में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैचों में देश का प्रतिनिधित्व करने वाले खिलाड़ियों के लिए अनिवार्य है। इसको लेकर CA के प्रमुख पीटर रोच ने कहा, “हमारे खेल में सिर और गर्दन की सुरक्षा बेहद महत्वपूर्ण है। हम इसे(नेक गार्ड) अनिवार्य कर रहे हैं।”
आस्ट्रेलिया ने यह कानून हाल ही में ऑस्ट्रेलिया-दक्षिण अफ्रीका सीरीज में हुई एक दुखद घटना के बाद लागू किया है।जिसमें ऑस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर कैमरून ग्रीन शामिल थे।कैमरन ग्रीन को कैगिसो रबाडा की एक बाउंसर उनके हेलमेट से जुड़े नेक गार्ड पर लगा, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें चोट लगी और उन्हें दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सीरीज से बाहर होना पड़ा। इसलिए क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया चाहता है कि उसके खिलाड़ियों के साथ भविष्य में ऐसी घटनाएं न घटे।