वनडे वर्ल्ड कप 2023 में अभीतक दो-तिहाई मुकाबले खेले जा चुके हैं। क्रिकेट के इस महासंग्राम में अबतक खेले गए मुकाबले के दौरान जमकर आतिशबाजी देखने को मिली है। बीच मैच में 2 Min ब्रेक के दौरान दर्शकों को खुश करने के लिए मैदान पर ‘लेजर लाइट शो’ और ‘फायर वर्क’ देखने को मिलता है। जिससे ध्वनि प्रदूषण के साथ पर्याप्त मात्रा में वायुप्रदूषण भी होता है। इसके लेकर अब BCCI ने बड़ा परन्तु हल्का कदम उठाया है। दरअसल इस समय देश की राजधानी दिल्ली और आर्थिक राजधानी मुंबई में वायु प्रदूषण उफान पर है,और हवाएं जहरीली हो गई हैं।
वायुप्रदूषण के मद्देनजर BCCI ने दिल्ली के अरूण जेटली स्टेडियम और मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में होने वाले मैचों में फायर वर्क पर रोक लगा दी है। BCCI का यह फैसला भारत और श्रीलंका के बीच होने वाले 2 नवंबर के मुकाबले से मुंबई में लागू होगा। जबकि दिल्ली में यह रूल 6 नवंबर को बांग्लादेश बनाम श्रीलंका मैच से प्रभावी होगा। वर्ल्ड कप की मेजबानी कर रहे अन्य 8 वेन्यू पर यह नियम लागू नही होगा। इसे BCCI की एक चूक कहा जा सकता है,क्योंकि प्रदूषण किसी भी शहर के लिए अच्छा नही है।
‘द इंडियन एक्सप्रेस’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक,BCCI के सचिव जयशाह ने कहा कि, ‘मैंने ICC से बात की है, मुंबई और दिल्ली में फायरवर्क नहीं होगा, क्योंकि इससे प्रदूषण का स्तर और भी बढ़ जाएगा। बोर्ड पर्यावरण के मुद्दों का मुकाबला करने के लिए प्रतिबद्ध है और हमेशा अपने प्रशंसकों और हितधारकों के हित को सबसे आगे रखेगा।’
बताते चलें कि,केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के मुताबिक, मुंबई में 31 अक्टूबर को समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक ( AQU) 172 दर्ज किया गया। जबकि बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स में यह 260 के खतरनाक स्तर तक पहुंच गया था। वहीं दिल्ली की बात करें कि,यहां अक्टूबर में वायु गुणवत्ता साल 2020 के बाद से अपने सबसे निचले स्तर पर है। जो यह दर्शाता है कि,स्थिति कितना चिंताजनक है। वर्ल्ड कप 2023 की मेजबानी अहमदाबाद, धर्मशाला, चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद, पुणे, लखनऊ और कोलकाता भी कर रहे हैं। इन 8 शहरों को लेकर किसी भी प्रकार का जरुरी कदम (वायुप्रदूषण के दृष्टिगत) नही उठाया गया है। जिसके चलते BCCI पर सवाल खड़े हो रहे हैं।