जैसे ही ईशान किशन और श्रेयस अय्यर को BCCI ने कॉन्ट्रेक्ट से बाहर किया है तभी से क्रिकेट जगत में काफी गहमा-गहमी का माहोल देखने को मिल रहा है। दरअसल, जब इन दोनों युवा खिलाड़ियों की टीम को जरूरत थी तब ये खिलाड़ी कुछ समस्या के चलते टीम के साथ खड़े हुए नहीं पाए गए और टीम से अपना नाम वापस लेने के बाद भी यह कोई घरेलु मुकाबला भी खेलते हुए नजर आए।
आपको बता दें, ईशान किशन ने द.अफ्रीका टेस्ट मुकाबले से पहले ही मानसिक समस्या बताकर अपना नाम वापस ले लिया था और इनके बाद डीवाई पाटिल ने घरेलु टूर्नामेंट से अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट मैदान पर कदम रखा। फिर किशन को भारतीय टीम ने नजरअंदाज करना शुरू कर दिया और अगले किसी मुकाबले के लिए टीम का हिस्सा नहीं बनाया। फिर BCCI और कोच के निर्देशों के बावजूद किशन ने रणजी भी नहीं खेला।
वहीं भारत और इंग्लैंड के बीच चल रही पांच मैचों की टेस्ट श्रृंखला में श्रेयस अय्यर भारतीय टीम के हिस्सा थे, इनके खराब प्रदर्शन के कारण टीम इंडिया के सिलेक्टरों अय्यर को बहार कर दिया, जबकि NCA की रिपोर्ट ने इन्हें विल्कुल फिट सावित कर दिया फिर भी श्रेयस ने रणजी में भाग नहीं लिया और BCCI के निर्देशों को नजरअंदाज कर दिया।
टीम से बाहर चल रहे खिलाड़ियों को देनी होगी रणजी को प्राथमिकता
BCCI ने इस बात को स्पष्ट करार दिया है कि जो खिलाड़ी अपनी कुछ कमियों के चलते भारतीय टीम से बाहर चल रहे हैं, उन क्रिकेटर को अपने राज्य के लिए घरेलू मुकाबलों को प्राथमिकता देनी होगी और साथ ही अपनी उन कमियों को सुधारना होग जिसके चलते खिलाड़ी को टीम से दरकिनार किया गया है। अभी हालिया समय में रोहित शर्मा ने इस बात का भी खुलासा कर दिया कि जो खिलाड़ी टेस्ट खेलना चाहते हैं तो उन्हें अपने अन्दर रन लेने का भूंख पैदा करनी ही होगी।
BCCI का खिलाड़ियों को अनुबंध प्राप्त करने का निर्देश
अभी हालिया समय में BCCI के अधिकारी ने क्रिकइन्फो से बातचीत के दौरान इस बात का खुलासा किया, “अगर एनसीए कहता है कि आप फिट हैं और आप टेस्ट नहीं खेल रहे हैं, तो बीसीसीआई अनुबंध की पेशकश कैसे कर सकता है?” दरअसल जिन खिलाड़ियों को अपनी छमताओं पर भरोसा है और वह क्रिकेट के सभी मानदंडो को पूरा कर लेते हैं तो उन्हे इंडियन प्रीमियर लीग के बाद भारतीय क्रिकेट बोर्ड का अनुबंध प्राप्त हो सकता है।