भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड आगामी 7 जुलाई को एक शीर्ष स्तरीय बैठक आयोजित करने जा रहा है। इस बैठक में BCCI T20 लीग क्रिकेट से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करेगी। दरअसल साल 2008 में इंडियन प्रीमियर लीग की शुरुआत होने के बाद से दुनियाभर में T20 लीग क्रिकेट का ट्रेंड काफी तेजी से बढ़ा है। अब क्रिकेट खेलने वाले लगभग सभी देशों में टी-20 लीग का आयोजन किया जाने लगा है। BCCI लगातार बढ़ रही लीग्स की संख्या को लेकर चिंतित है, और वह विदेशों में होने वाले लीग्स में भारतीय खिलाड़ियों के भागीदारी को लेकर विचार-विमर्श कर सकती है।
विदेशों में होने वाले लीग्स में सबसे कॉमन बात जो देखी जा रही है वह यह है कि इसमें भी अधिकतर भारतीय निवेशक हिस्सा ले रहे हैं। मतलब IPL फ्रेंचाइजियों का मालिकाना हक रखने वाले निवेशकों की टीमें विदेशों में होने वाले लीग्स में भी खेल रही हैं।वह IPL से होने वाली मोटी कमाई का प्रयोग कर IPL के लिए ही कंपटीशन बढ़ा रहे हैं। इन चीजों को लेकर BCCI अब सख्त रुख अपनाने वाला है।
क्रिकबज की एक रिपोर्ट के मुताबिक, जो भी खिलाड़ी विदेशी लीग्स में भाग लेना चाहते हैं, उन्हें भविष्य में भारतीय क्रिकेट टीम के लिए किसी भी तरह की कोचिंग करने के लिए BCCI से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना होगा। इतना ही नहीं, BCCI सैयद मुश्ताक अली टूर्नामेंट में इम्पैक्ट प्लेयर नियम भी लागू करेगा। क्योंकि वे इसे इंडियन प्रीमियर लीग के समान बनाना चाहते हैं।BCCI टीमों को टॉस के बाद प्लेइंग इलेवन की शीट बदलने की इजाजत देने के पक्ष मे है, न कि पिछले सीज़न की तरह जहां वे टॉस से पहले खिलाड़ियों को चुनते थे।
इन सबके अलावा BCCI आगामी एशिया कप और वनडे वर्ल्ड कप की तैयारियों को लेकर भी विचार-विमर्श करेगी। क्योंकि वनडे वर्ल्ड कप 2023 की मेजबानी का जिम्मा भारत को ही सौंपा गया है। इसलिए बोर्ड की जिम्मेदारियां इस टूर्नामेंट के सफल आयोजन को लेकर काफी बढ़ चुकी हैं।