टीम इंडिया के पूर्व खिलाड़ी मनोज तिवारी इस समय अपने बल्ले से कमाल न दिखाकर तीखे बयानों के चलते सोशल मीड़िया की सुर्खियां बटोर रहे हैं। अगर तिवारी के बयानों को गौर किया जाए तो उनके बयानों ने क्रिकेट जगत में कदम रखने वाले युवा खिलाड़ियों को एक नई दिशा प्रदान करने व उनके सामने आने वाली चुनौती से पर्दा उठाने का कार्य किया है। अपने एक बयान के चलते तिवारी को BCCI का जुर्माना भी सहन करना पड़ा व इनके दूसरे बयान ने धोनी को सवालों के कटघरे में खड़ा कर दिया।
BCCI ने मनोज तिवारी पर क्यों लगाया जुर्माना?
दसअसल, बंगाल टीम के स्टार क्रिकेटर मनोज तिवारी ने अपने इंस्टा अकाउंट पर रणजी ट्रॉफी का इमेज शेयर करते हुए लिखा था “अगले सीजन से रणजी ट्रॉफी को कैलेंडर से हटा देना चाहिए। टूर्नामेंट में कई चीजें गलत हो रही हैं. समृद्ध इतिहास वाले इस प्रतिष्ठित टूर्नामनेट को बचाने के लिए कई चीजों पर ध्यान देने की जरुरत है यह अपना आकर्षण और महत्व खोता जा रहा है” हालांकि, इस बयान के चलते BCCI इनसे शक्त नाराज हो गई और कड़ा रुख इख़्तियार करते हुए तिवारी पर मैच फीस का 20 प्रतिशत जुर्माना लगा दिया।
तिवारी ने धोनी और कोहली पर उठाए सवाल
मनोज तिवारी नें BCCI से जुर्माना वहन करने के बाद, IPL में खेलने की इच्छा रखने वाले खिलाड़ियों को लेकर मार्गदर्शन किया, जिसमें इन्होंने IPL में खेलने से पहले घरेलू रणजी ट्राफी पर भी जोर देने की बात कही और साथ ही अब तिवारी ने अपने साथ साल 2011 में हुए अन्याय को देखते हुए, खिलाड़ियों के अंतर्राष्ट्रीय मुकाबलें में चयन को लेकर सिलेक्टरों की नीति पर भी सवाल खड़े कर दिए। दरअसल, मनोज इस अन्याय का सामना साल 2011 में चेन्नई में हुए वेस्टइंडीज के खिलाफ एकदवसीय मुकाबले के दौरान करना पड़ा, उस समय मनोज तिवारी ने 104 रनों की शानदार शतकीय परी खेली, इसके बावजूद उनका चयन अंतर्राष्ट्रीय मुकाबलों में नहीं हुआ, जब टीम इंडिया के कप्तान एम.एस धोनी थे, हालांकि अब मैका पाकर तिवारी ने धोनी की नीति पर सवाल खड़े कर दिए।
दरअसल, तिवारी ने कोलकाता में एक सम्मान समारोह के अवसर पर पत्रकारों से बतचीत के दौरान कहा, “मैं Dhoni से पूछना चाहूंगा की मुझे शतक मारने के बाद टीम से बाहर क्यों निकाला गया. मेरे पास भी कोहली और रोहित की तरह स्टार बनने की छमता थी मगर मैं नहीं बन पाया और जब कुछ खिलाड़ियों को आवश्यकता से ज्यादा अंतराष्ट्रीय स्तर पर मौका मिलता है तो अपने समय को याद करके बुरा लगता है” अपने इस वयान के चलते तिवारी ने टीम इंडियां की उस नीति से भी पर्दा उठाया, जिस नीति से खिलाड़ियों का चयन होता है।