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Anand Mahindra ने Sarfaraz Khan के पिता को गिफ्ट की THAR, ट्रॉलर्स ने Dhruv Jurel का नाम लेकर किया वार

सरफ़राज़ खान को कार..ध्रुव जुरेल को किया दरकिनार..सोशल मीडिया पर बुरे ट्रॉल हुए आनंद महिंद्रा..THAR पर हुई जमकर मार।

आनंद महिंद्रा जी आपका कार गिफ्ट करने का तरीका थोडा कासुअल नहीं..बहुत बायस्ड है। क्योंकी डेब्यू तो 2 खिलाड़ियों का हुआ था न? दोनों ने ही अपने डेब्यू में अच्छा परफॉर्म किया..दोनों के पिता ने उनके लिए उतनी ही मेहनत करी..तो फिर आखिर थार वाली कार सिर्फ सरफ़राज़ खान के पिता को क्यों? ध्रुव जुरेल आर्मी मैन के बेटे हैं..कारगिल हीरो के बेटे हैं..उन्हें या उनके पिता के लिए थार वाली कार क्यों नहीं?

बस कुछ इसी तरह के सवाल और बवाल इस वक़्त घेरे हुए हैं महिंद्रा के चेयरमैन आनंद महिंद्रा को..दरअसल डेब्यू मैच में 66 गेंद में 62 रन बनाकर सरफ़राज़ खान ने पूरे क्रिकेट जगत को हिला कर रख दिया..हर किसी को अपना मुरीद बना लिया..और..इसी लिस्ट में आनंद महिंद्रा भी शामिल हो गए, आनद महिंद्रा ने सरफराज की तारीफ करते हुए एक्स पर पोस्ट करते हुए बड़ा ऐलान भी कर दिया। आनद महिंद्रा का ऐलान कुछ ऐसा था कि, “हिम्मत नहीं छोड़ना, बस! कड़ी मेहनत। साहस। धैर्य। एक पिता के लिए एक बच्चे में प्रेरणा देने के लिए इससे बेहतर गुण और क्या हो सकते हैं? एक प्रेरणादायक माता-पिता होने के नाते, यह मेरा सौभाग्य और सम्मान होगा अगर नौशाद खान थार का उपहार स्वीकार करेंगे।”

बस आनंद महिंद्रा का यह पोस्ट देखते ही देखते वायरल हो गया फिर वह अचानक से ट्रॉल होने लग गए..दरअसल कल हमने आपको अपनी विडियो में बताया भी था..हमने यह कहा भी था कि..सरफ़राज़ खान की चमक के आगे ध्रुव जुरेल कहीं छुप से गए..कहीं खो से गए..हालांकि उन्होंने भी 46 रनों की अच्छी पारी खेली थी..104 गेंदों के दौरान उन्होंने यह दिखा दिया था कि वह टेस्ट के अंदाज में मैदान पर टिक सकते हैं तो 2 चौके और 3 छक्के लगाकर आक्रामक बैटिंग का दम भी रखते हैं।

लेकिन फिर भी हुआ क्या..सरफ़राज़ को कार..ध्रुव जुरेल को दरकिनार।

यह सब देख कर कभी-कभी लगता है कि कहीं हम Cricket Loving Nation से Cricketer Loving Nation तो नहीं बनते जा रहे? जैसा की गौतम गंभीर ने कहा था..

क्योंकी लड़के दोनों टैलेंटेड हैं..दोनों ने डेब्यू में अच्छा खेला..दोनों ने अपने जीवन में बहुत संघर्ष किया..जुरेल को उनकी माँ का सोने का हार बेचना पड़ा..पिता की डाट खानी पड़ी..सरफाज़ लगातार शतक पर शतक जड़ते रहे लेकिन मोटे होने की वजह से टीम में उन्हें जगह नहीं दी गयी..तो..तारीफ भी दोनों की बराबर होनी चाहिए न?

आपको क्या लगता है? क्या सच में हम खेल से ज्यादा खिलाड़ियों के फैन होते जा रहे हैं? क्या सच में अब क्रिकेटर्स..क्रिकेट से भी ऊपर हो गए हैं?

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