टीम इंडिया के पूर्व विस्फोटक ओपनर वीरेंद्र सहवाग ने एक बड़ा खुलासा किया है। एक इंटरव्यू के दौरान वीरेंद्र सहवाग ने बताया है कि अनिल कुंबले को भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच के पद से हटाने के बाद उनके पास हेड कोच बनने का ऑफर आया था जिसे उन्होंने ठुकरा दिया था। न्यूज़ 18 के विशेष सेगमेंट चौपाल में बातचीत के दौरान वीरेंद्र सहवाग ने कहा कि, यदि भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली और पूर्व BCCI सचिव अमिताभ चौधरी ने मुझसे संपर्क कर मुख्य कोच के पद के लिए आवेदन करने का आग्रह नहीं करते तो मैं इस पद के लिए अप्लाई नहीं करता।
अमिताभ चौधरी के आग्रह पर किया आवेदन
वीरू ने बताया कि, “हम लोगों के बीच एक मीटिंग हुई थी जिसमें अमिताभ चौधरी ने मुझसे कहा था कि विराट कोहली और अनिल कुंबले के बीच चीजें ठीक नहीं चल रही है वह दोनों लंबे समय तक एक साथ काम नहीं कर पाएंगे। इन दोनों लोगों को एक दूसरे के कार्य करने का तरीका पसंद नहीं आ रहा है। इसलिए हम चाहते हैं कि आप भारतीय टीम के हेड कोच की भूमिका संभालें।”
वीरेंद्र सहवाग ने बताया कि, “उन्होंने मुझसे कहा कि BCCI और अनिल कुंबले के बीच हुआ अनुबंध 2017 के चैंपियन ट्रॉफी के बाद समाप्त हो जाएगा। जिसके बाद आप टीम इंडिया के साथ वेस्टइंडीज का दौरा कर सकते हैं। उस दौरान मैंने हां और न में न जवाब देते हुए कहा कि अगर मैं वेस्टइंडीज का दौरा करता हूं, तो मुझे अपनी पसंद का कोच स्टाफ, सहायक कोच, गेंदबाजी कोच,बल्लेबाजी कोच और फील्डिंग कोच चुनने का विकल्प दिया जाए। परंतु मुझे विकल्प नहीं मिला इसलिए मैंने कोच बनने से इनकार कर दिया।”
किसी चीज का गम नहीं
वीरेंद्र सहवाग से जब सवाल किया गया कि क्या उन्हें कप्तानी न मिलने का कोई पछतावा है? इसके जवाब में उन्हें कहा कि, “मुझे इसका बिल्कुल भी पछतावा नहीं है मैंने अपने करियर में जो कुछ भी हासिल किया है उससे मैं खुश हूं। नजफगढ़ के छोटे से किसान परिवार से आने के बावजूद मुझे भारतीय टीम में खेलने का मौका मिला और प्रशंसकों ने इतना प्यार दिया वह मेरे लिए अधिक मायने रखता है। कप्तान बनता तब भी इतना ही प्यार मिलता।”
जब तेंदुलकर ने बीच मैदान सहवाग को जड़ा बल्ला, वीरू ने सुनाया वर्ल्ड कप 2011 का रोचक किस्सा