बुधवार को भारत और बांग्लादेश के बीच एडिलेड ओवल में खेले गए टी-20 विश्वकप के रोमांचक मुकाबले में भारतीय टीम ने भले ही 5 रनों से जीत दर्ज कर ली हो, परंतु इस मैच में भारतीय खिलाड़ियों के भाग्य ने बहुत साथ दिया है।चाहे बात बारिश द्वारा दस्तक दिए जाने की हो, या अंपायरों की गलती हो। सभी चीजें भारत के पक्ष में ही घटित हुई।जिससे डकवर्थ लुईस नियम द्वारा संशोधित रनों के बदौलत भारतीय टीम को अंतिम ओवर में जीत मिली।
विराट से हुई गलती, एंपायर भी बने सहभागी
185 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी बांग्लादेश की टीम के ओपनर लिटन दास का बल्ला आग उगल रहा था।पावर प्ले के बाद भारत की ओर से अक्षर पटेल सातवां ओवर कर रहे थे। अक्षर पटेल ने अपने ओवर का दूसरा गेंद डाला जिसपर लिटन दास ने आफ साइड में शॉट खेला और गेद अर्शदीप के पास चली गई। अर्शदीप ने विकेटकीपर दिनेश कार्तिक की तरफ थ्रो किया। इस दौरान गेंद स्लिप पर फील्डिंग कर रहे विराट कोहली के पास से गुजरी। जिस पर विराट कोहली ने गेद को पकड़कर दोबारा थ्रो करने की एक्टिंग की, और एक फेंक फिल्डिंग कर डाली। मगर गनीमत रही कि इस घटना पर दोनों मैदानी अंपायर क्रिस ब्राउन और मराइस इरासमस का ध्यान नहीं गया। वहीं थर्ड अंपायर रिचर्ड इलिंगवर्थ ने भी इस घटना को नजरअंदाज कर दिया। और बांग्लादेश को नुकसान उठाना पड़ा।
फेंक फील्डिंग पर क्या है ICC का नियम?
फेक फील्डिंग नियम ICC लॉ 41.5 में आता है। इसमें बताया गया है कि- कोई भी फील्डर जानबूझकर, शब्द या क्रिया से किसी भी बल्लेबाज को विचलित करने, धोखा देने या बाधित करने का प्रयास करता है तो यह अनुचित है।क्लॉज 41.5.2 के अनुसार, ‘यह किसी एक अंपायर को तय करना होता है कि किसी फील्डर ने यह जानबूझकर किया है या नहीं। विराट कोहली द्वारा बुधवार के मैच में किए गए फेक फिल्डिंग पर यदि अंपायरों का ध्यान चला जाता तो ICC नियमावली 41.5.6 के अनुसार तो भारतीय टीम को 5 रनों का नुकसान झेलना पड़ता। चूंकि भारतीय टीम इस मुकाबले को महज 5 रनों से ही जीती थी। ऐसे में नतीजे कुछ और भी हो सकते थे।